कानपुर में पुलिस उत्पीड़न के बाद आत्महत्या: दो पुलिसकर्मी निलंबित

कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में पुलिस उत्पीड़न के आरोप लगे हैं। पुलिस ने दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है और प्राथमिकी दर्ज की गई है। मृतक जीतू की पत्नी और पिता के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है। इस घटना ने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है, जिसके बाद स्थानीय विधायक ने मामले की गंभीरता को देखते हुए कार्रवाई की मांग की। जानें इस मामले की पूरी जानकारी।
 | 
कानपुर में पुलिस उत्पीड़न के बाद आत्महत्या: दो पुलिसकर्मी निलंबित

पुलिस उत्पीड़न के मामले में कार्रवाई

कानपुर के सजेती थाना क्षेत्र में एक व्यक्ति की आत्महत्या के मामले में पुलिस ने दो अधिकारियों, एक उप निरीक्षक और एक मुख्य आरक्षी को निलंबित कर दिया है। यह जानकारी मंगलवार को पुलिस द्वारा दी गई।


एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि इस मामले में प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) दीपेंद्र नाथ चौधरी के अनुसार, उप निरीक्षक गौरव शल्या, हेड कांस्टेबल रवि, मृतक की पत्नी सुमन और उसके पिता रामकिशोर के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है।


मृतक की पहचान सजेती क्षेत्र के कोटरा निवासी जीत कुमार उर्फ जीतू के रूप में हुई है, जो गुजरात के सूरत में एक निजी कंपनी में कार्यरत था। डीसीपी चौधरी ने बताया कि जीतू सोमवार को घरेलू विवाद के चलते अपनी पत्नी सुमन को वापस लाने के लिए कानपुर देहात के अकबरपुर स्थित अपने ससुराल गया था।


हालांकि, उसके पिता रामकिशोर ने जीतू के खिलाफ स्थानीय कोटरा पुलिस बूथ पर शिकायत दर्ज कराई। डीसीपी के अनुसार, जीतू को समझौते के लिए पुलिस चौकी बुलाया गया, जहां उप निरीक्षक शल्या और हेड कांस्टेबल रवि ने उसके ससुर की मौजूदगी में उसे प्रताड़ित किया। जीतू पर मामले को सुलझाने के लिए 50,000 रुपये की रिश्वत देने का भी दबाव डाला गया।


पुलिस के अनुसार, जीतू ने अनाज बेचकर 20,000 रुपये का इंतजाम किया, लेकिन शेष राशि नहीं दे सका। बाद में, जीतू ने अपने घर पर पंखे से लटककर आत्महत्या कर ली।


डीसीपी चौधरी ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पुलिसकर्मियों पर लगे आरोप सही पाए गए, जिसके बाद उन्हें तुरंत निलंबित किया गया और मामला दर्ज किया गया। मीडिया से बात करते हुए जीतू के पिता रमेश ने आरोप लगाया कि उनके बेटे को पुलिस बूथ पर अपमानित किया गया और 'थर्ड डिग्री टॉर्चर' किया गया।


इस घटना के बाद स्थानीय भाजपा विधायक सरोज कुरील ने जीतू के घर और कोटरा पुलिस बूथ का दौरा किया, जिसके बाद राजनीतिक और प्रशासनिक स्तर पर तीखी प्रतिक्रिया हुई। उन्होंने डीसीपी चौधरी से भी सीधे संपर्क किया, जिसके परिणामस्वरूप प्राथमिकी दर्ज की गई और आरोपी अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई।