कांवड़ यात्रा के लिए सुरक्षा इंतजाम, विश्व हिंदू परिषद ने दी चेतावनी

कांवड़ यात्रा का महत्व और सुरक्षा उपाय
विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने कांवड़ियों पर हमलों के खिलाफ चेतावनी देते हुए कहा है कि आगामी कांवड़ यात्रा “राष्ट्रीय एकता और सद्भाव” का प्रतीक है। VHP ने यह भी उल्लेख किया कि भारत हिंदुत्व के एक नए पुनर्जागरण की ओर बढ़ रहा है, और धार्मिक धर्मांतरण को समाप्त करने की आवश्यकता पर जोर दिया। इसके साथ ही, मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त करने की मांग भी की गई है। इस बयान के बाद से सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं ताकि कोई विवाद न हो।
उत्तर प्रदेश सरकार ने सावन के महीने में होने वाली कांवड़ यात्रा को शांतिपूर्ण और सुरक्षित तरीके से संपन्न कराने के लिए चार जिलों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत किया है। अधिकारियों ने बताया कि ये चार जिले मेरठ, बुलन्दशहर, बागपत और हापुड़ हैं।
कांवड़ मार्ग पर लगभग 540 किलोमीटर की दूरी में कुल 119 अवरोधक लगाए जाएंगे, जिनमें मेरठ और बुलन्दशहर में 25-25, बागपत में 51 और हापुड़ में 18 अवरोधक शामिल हैं। मार्ग को 57 जोन और 155 सेक्टर में विभाजित किया गया है।
इस यात्रा के दौरान सुरक्षा के लिए 19 अपर पुलिस अधीक्षक, 54 क्षेत्राधिकारी, 265 निरीक्षक, 1823 उपनिरीक्षक, 2574 मुख्य आरक्षी, 2860 आरक्षी और 1166 महिला पुलिसकर्मी तैनात किए जाएंगे।
यातायात व्यवस्था को सुचारू रखने के लिए 12 निरीक्षक, 117 उपनिरीक्षक, 175 मुख्य आरक्षी और 394 आरक्षी भी तैनात किए जाएंगे। इसके अलावा, प्रादेशिक सशस्त्र कांस्टेबुलरी (पीएसी) की 20 और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएफ) की पांच कंपनियां भी तैनात की जाएंगी।
कांवड़ यात्रियों की सुविधा के लिए मार्ग के निकट 184 विश्राम स्थल और कुल 838 शिविर स्थापित किए जाएंगे। इनमें मेरठ में 464, बुलन्दशहर में 176, बागपत में 90 और हापुड़ में 108 शिविर शामिल हैं।
अधिकारियों ने बताया कि प्रमुख मंदिर स्थलों पर भारी भीड़ को देखते हुए विशेष प्रबंध किए गए हैं। यात्रा के दौरान यातायात को नियंत्रित करने के लिए वैकल्पिक मार्ग भी निर्धारित किए गए हैं।
प्रशासन ने आकस्मिक घटनाओं के लिए एक योजना तैयार की है और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (एसडीआरएफ), राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) और स्थानीय गोताखोरों को सतर्क किया गया है। रेंज और जिला स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किए गए हैं, जहां ड्रोन और सीसीटीवी कैमरों के माध्यम से निगरानी की जाएगी।
पुलिस महानिरीक्षक (मेरठ रेंज) कलानिधि नैथानी ने बताया कि सोशल मीडिया पर निगरानी रखने के लिए एक प्रकोष्ठ सक्रिय किया गया है, ताकि किसी भी भ्रामक या आपत्तिजनक पोस्ट पर त्वरित कार्रवाई की जा सके। उन्होंने महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए महिला पुलिस बल की विशेष तैनाती और खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की भी निर्देशित किया।