कांवड़ यात्रा के दौरान धर्म की पहचान के लिए ढाबा मालिकों से पैंट खोलने की मांग पर विवाद
दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कांवड़ यात्रा के दौरान कुछ ढाबा मालिकों से उनके धर्म की पुष्टि के लिए पैंट खोलने की मांग की गई है, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई है। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने इस पर सवाल उठाते हुए कहा कि पिछले वर्षों में ऐसी कोई समस्या नहीं थी। समाजवादी पार्टी के नेता एस टी हसन ने इसे आतंकवाद के समान बताया है। इस मुद्दे पर स्थानीय हिंदू संगठनों की गतिविधियों की निंदा की गई है, और सरकार से हस्तक्षेप की मांग की गई है।
Jul 2, 2025, 15:36 IST
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कांवड़ यात्रा पर विवादास्पद मांग
दिल्ली-देहरादून हाईवे पर कांवड़ यात्रा के मार्ग पर कुछ ढाबा मालिकों से उनके धर्म की पुष्टि के लिए पैंट खोलने की मांग की गई है। इस संबंध में मीडिया में कुछ रिपोर्ट्स आई हैं, लेकिन इसकी पुष्टि नहीं की गई है। इस मुद्दे ने राजनीतिक हलचल को जन्म दिया है। एआईएमआईएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुजफ्फरनगर हाईवे के पास कई होटल वर्षों से संचालित हो रहे हैं। उन्होंने सवाल उठाया कि पिछले 10 वर्षों में इन स्थानों पर कोई समस्या क्यों नहीं थी।
ओवैसी का सवाल
ओवैसी ने यह भी पूछा कि कांवड़ यात्रा कैसे शांतिपूर्ण तरीके से संपन्न हुई? यह सब अब क्यों हो रहा है? उन्होंने यह भी जानना चाहा कि कौन से समूह होटल मालिकों से पैंट खोलने को कह रहे हैं। क्या ये लोग प्रशासन चला रहे हैं? पुलिस को ऐसे लोगों को गिरफ्तार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि आजकल लोग होटल में जाकर आधार कार्ड मांग रहे हैं और अगर नहीं दिखाते हैं तो पैंट उतारने की धमकी दे रहे हैं। यह किसका अधिकार है?
समाजवादी पार्टी के नेता की प्रतिक्रिया
पूर्व सांसद और समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता एस टी हसन ने बुधवार को कांवड़ यात्रा मार्ग पर कुछ हिंदू संगठनों द्वारा भोजनालयों की धार्मिक पहचान करने की कोशिशों की निंदा की। उन्होंने इसे आतंकवाद के समान बताया। हसन ने कहा कि होटल कर्मचारियों और स्थानीय विक्रेताओं से उनके नाम बताने के लिए कहना और उन्हें धर्म की पहचान के लिए कपड़े उतारने के लिए मजबूर करना, यह आतंकवादियों की हरकतों से अलग नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया कि उत्तराखंड सरकार इस पर चुप है और ऐसा लगता है कि वह इन कृत्यों का समर्थन कर रही है।
सामाजिक मीडिया पर वायरल वीडियो
यह टिप्पणी उत्तराखंड के विभिन्न शहरों में स्थानीय हिंदू संगठनों द्वारा भोजनालय कर्मचारियों की पहचान की जांच करने और मुस्लिम होने के संदेह में उन्हें निशाना बनाने की खबरों के बीच आई है। सोशल मीडिया पर एक वीडियो में स्वयंसेवकों को लोगों से उनकी धार्मिक पहचान साबित करने के लिए मजबूर करते हुए दिखाया गया है। हसन ने केंद्र और राज्य सरकारों से इस तरह की सांप्रदायिक प्रथाओं पर रोक लगाने के लिए तत्काल हस्तक्षेप करने का आग्रह किया।
#WATCH | Hyderabad, Telangana: On some media reports of Dhaba owners on the Kanwar route at Delhi-Dehradun highway asked to open their pants to verify their religion, AIMIM chief Asaduddin Owaisi, says "There are several hotels near Muzaffarnagar highway running for several… pic.twitter.com/TP4FYwOmoT
— Media House (@MediaHouse) July 2, 2025