कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ट्रंप की धमकियों पर जताई कड़ी प्रतिक्रिया

मनीष तिवारी की प्रतिक्रिया
कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूस के साथ ऊर्जा संबंधों के संदर्भ में भारत से आने वाले सामानों पर टैरिफ बढ़ाने की हालिया धमकी पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि अब समय आ गया है कि इस प्रकार की लगातार डराने-धमकाने की कोशिशों का विरोध किया जाए। मानसून सत्र के दौरान मीडिया से बातचीत करते हुए, तिवारी ने आशा व्यक्त की कि भारत सरकार ट्रंप की धमकियों का मजबूती से जवाब देने का साहस दिखाएगी।
ट्रंप की टिप्पणियों पर तिवारी की चिंता
वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने कहा कि ट्रंप की अपमानजनक टिप्पणियों ने 1.4 करोड़ भारतीयों के सम्मान को ठेस पहुँचाई है। उन्होंने उम्मीद जताई कि सरकार इस मुद्दे पर ठोस जवाब देने का साहस दिखाएगी। तिवारी ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दुनिया के सबसे शक्तिशाली देश के राष्ट्रपति द्वारा अंतरराष्ट्रीय संवाद में ऐसी अभद्र भाषा का प्रयोग किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि अब इस निरंतर धमकी का विरोध करने का समय आ गया है।
भारत की ऐतिहासिक विरासत
तिवारी ने आगे कहा कि भारत की ऐतिहासिक विरासत रही है कि वह अपने राष्ट्रीय हितों के खिलाफ किसी भी खतरे का सामना करता रहा है। उन्होंने कहा कि ट्रंप की टैरिफ धमकियों का भारत सरकार को दृढ़ता से सामना करना चाहिए। तिवारी की यह टिप्पणी उस समय आई है जब भारत ने अमेरिका और यूरोपीय संघ पर तीखा पलटवार किया था, जिसमें उन्होंने रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए नई दिल्ली को अनुचित तरीके से निशाना बनाने का आरोप लगाया था।
भारत का जवाब
भारत ने इस आलोचना को ठुकराते हुए कहा कि अमेरिका और यूरोपीय संघ दोनों रूस के साथ अपने व्यापारिक संबंध बनाए हुए हैं। विदेश मंत्रालय ने कहा कि हमारे मामले के विपरीत, ऐसा व्यापार कोई महत्वपूर्ण राष्ट्रीय बाध्यता नहीं है। विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यूरोप-रूस व्यापार में ऊर्जा के अलावा उर्वरक, खनन उत्पाद, रसायन, लोहा और इस्पात, मशीनरी और परिवहन उपकरण भी शामिल हैं।