कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से बाहर रहने पर उठाए सवाल

कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस के लिए वक्ताओं की सूची से खुद को और शशि थरूर को बाहर रखने पर अपनी पार्टी पर कटाक्ष किया। उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट में इस मुद्दे को उठाया और 1970 की फिल्म के एक प्रसिद्ध गीत के बोल साझा किए। तिवारी ने मीडिया से बातचीत में अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि वह चर्चा में भाग लेना चाहते थे। वहीं, शशि थरूर ने भी पार्टी लाइन का पालन न कर पाने के कारण बोलने से मना कर दिया। जानिए इस विवाद की पूरी कहानी।
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कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने ऑपरेशन सिंदूर पर बहस से बाहर रहने पर उठाए सवाल

मनीष तिवारी की नाराजगी

कांग्रेस के सांसद मनीष तिवारी ने संसद में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के लिए वक्ताओं की सूची से खुद को और अपने साथी सांसद शशि थरूर को बाहर रखने पर अपनी पार्टी पर कटाक्ष किया। आनंदपुर साहिब से सांसद ने एक सोशल मीडिया पोस्ट में एक समाचार लेख का स्क्रीनशॉट साझा किया, जिसमें इस बात का उल्लेख था कि उन्हें वक्ताओं की सूची से हटा दिया गया है। तिवारी ने 1970 की फिल्म पूरब और पश्चिम के प्रसिद्ध देशभक्ति गीत "है प्रीत जहाँ की रीत सदा" के बोल भी साझा किए।


 


मीडिया से बातचीत


इसके बाद मनीष तिवारी की नाराजगी की खबरें चर्चा में हैं। उन्होंने मीडिया से कहा, "अंग्रेजी में एक कहावत है- 'अगर आप मेरी खामोशी को नहीं समझते, तो आप मेरे शब्दों को कभी नहीं समझ पाएंगे।" सूत्रों के अनुसार, तिवारी चर्चा में भाग लेना चाहते थे और उन्होंने विपक्ष के नेता (राहुल गांधी) के कार्यालय को एक पत्र लिखकर बोलने की इच्छा भी जताई थी। हालांकि, कांग्रेस ने उन्हें बहस में शामिल करने का निर्णय नहीं लिया। प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस सांसद अमर सिंह को भी कांग्रेस ने बहस में बोलने के लिए नहीं चुना।


 


थरूर की स्थिति


थरूर के मामले में, कांग्रेस ने केरल के सांसद से चर्चा के दौरान बोलने का अनुरोध किया था। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, थरूर ने यह कहते हुए निमंत्रण अस्वीकार कर दिया कि वह ऑपरेशन सिंदूर की आलोचना में पार्टी लाइन का पालन नहीं कर पाएँगे। थरूर ने पार्टी नेतृत्व को बताया कि जब भी वह विदेश यात्रा पर जाते हैं, तो उनका यह विचार हमेशा से रहा है कि ऑपरेशन सिंदूर सफल रहा है और वे इस लाइन से विचलित नहीं हो सकते। जब पत्रकारों ने उनसे पूछा कि क्या वह संसद में बोलेंगे, तो वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने अपनी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि वह "मौन व्रत" पर हैं।