कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के असम संबंधी दावे को किया खारिज
पीएम मोदी का आरोप और कांग्रेस का जवाब
कांग्रेस सांसद मणिकम टैगोर.
गुवाहाटी में गोपीनाथ बरदोलोई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नए टर्मिनल के उद्घाटन के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांग्रेस पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बंटवारे के समय कांग्रेस असम को पाकिस्तान को सौंपने की योजना बना रही थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, कांग्रेस के सांसद मणिकम टैगोर ने पीएम मोदी के इस दावे को गलत बताया और कहा कि यह ऐतिहासिक रूप से असत्य है।
टैगोर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि पीएम मोदी का यह कहना कि कांग्रेस असम को पाकिस्तान को सौंपना चाहती थी, पूरी तरह से गलत है। तथ्य महत्वपूर्ण हैं और झूठ का अंत होना चाहिए।
उन्होंने स्पष्ट किया कि असम को पाकिस्तान को सौंपने का कोई प्रस्ताव नहीं था, क्योंकि असम एक हिंदू-बहुल प्रांत था और इसे कभी भी पाकिस्तान के लिए निर्धारित नहीं किया गया था।
सिलहट जिले पर चर्चा
मणिकम टैगोर ने कहा कि असम के सिलहट जिले का मामला ही चर्चा का विषय था, जो मुस्लिम-बहुल क्षेत्र है। जुलाई 1947 में, ब्रिटिश शासन के दौरान, एक रेफरेंडम आयोजित किया गया था।
During Partition, Congress wanted to hand over Assam to Pakistan, says PM Modi.
This claim is historically false.
Facts matter. Lies must stop. 👇There was NO proposal to hand over Assam to Pakistan.
Assam was a Hindu-majority province and was never designated for Pakistan https://t.co/Tkz2hxRFct— Manickam Tagore .B🇮🇳மாணிக்கம் தாகூர்.ப (@manickamtagore) December 21, 2025
उन्होंने बताया कि उस रेफरेंडम में सिलहट ने पूर्वी बंगाल (पूर्वी पाकिस्तान) में शामिल होने के लिए मतदान किया था। यह कांग्रेस का निर्णय नहीं था, बल्कि यह स्वतंत्रता से पहले का एक मतदान था।
मणिकम टैगोर ने कहा कि असम के कांग्रेसी मुख्यमंत्री गोपीनाथ बोरदोलोई की मेहनत के कारण करीमगंज सबडिवीजन भारत में बना रहा। यह ऐतिहासिक तथ्य है।
ऐतिहासिक साक्ष्य की कमी
उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने असम को पाकिस्तान को देने की कोई साजिश नहीं की थी। बंटवारा इसलिए हुआ क्योंकि ब्रिटिश सरकार ने जल्दबाजी की और मुस्लिम लीग इसकी मांग कर रही थी। यदि बंटवारा नहीं होता, तो देश में गृह युद्ध का खतरा था।
मणिकम टैगोर ने कहा कि एक कठिन और दुखद इतिहास को राजनीतिक प्रचार में बदलना, तथ्य, स्वतंत्रता सेनानियों और असम की बेइज्जती है। झूठ का अंत होना चाहिए, लेकिन संघी इसे कैसे करेंगे, क्योंकि वे झूठ पर निर्भर हैं?
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