कांग्रेस में मोहम्मद अजहरुद्दीन का बढ़ता प्रभाव: मंत्री बनने की तैयारी

मोहम्मद अजहरुद्दीन, भारतीय क्रिकेट के पूर्व कप्तान, अब कांग्रेस में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। उन्हें तेलंगाना सरकार में मंत्री बनने का अवसर मिल रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति मजबूत हो रही है। हालांकि, उनके पिछले चुनावी असफलताओं के बावजूद पार्टी का उन पर विश्वास कायम है। इस लेख में जानें कि कैसे अजहर की नियुक्ति मुस्लिम मतदाताओं के बीच कांग्रेस की अपील को बढ़ा सकती है और आगामी उपचुनाव में उनकी भूमिका क्या होगी।
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कांग्रेस में मोहम्मद अजहरुद्दीन का बढ़ता प्रभाव: मंत्री बनने की तैयारी

मोहम्मद अजहरुद्दीन का राजनीतिक सफर

कांग्रेस में मोहम्मद अजहरुद्दीन का बढ़ता प्रभाव: मंत्री बनने की तैयारी

अजहर और प्रियंका गांधी

भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान मोहम्मद अजहरुद्दीन का कद कांग्रेस में तेजी से बढ़ रहा है। उन्हें तेलंगाना सरकार में मंत्री बनने का अवसर मिल रहा है, जिससे मंत्रिमंडल में मंत्रियों की संख्या 16 हो जाएगी। इससे पहले, 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस प्रदेश कमेटी का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया था।

अजहर ने 2009 में मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव जीता था, लेकिन 2014 और 2023 के चुनावों में उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इस स्थिति में सवाल उठता है कि कांग्रेस उनके प्रति इतनी उदार क्यों है।


राजनीतिक सफर की चुनौतियाँ

पार्टी की अपेक्षाओं पर खरे नहीं उतरे!

अजहर ने 2009 में राजनीति में कदम रखा था। मुरादाबाद से लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिला, लेकिन 2014 में राजस्थान की टोंक-सवाई माधोपुर सीट से हार का सामना करना पड़ा। 2018 में उन्हें तेलंगाना कांग्रेस का कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया, और 2023 में जुबली हिल्स से विधानसभा चुनाव लड़ा, जिसमें भी उन्हें असफलता मिली।


तेलंगाना में मुस्लिम चेहरा

तेलंगाना में पार्टी का मुस्लिम चेहरा

तेलंगाना में कांग्रेस के पास अजहर के अलावा कोई प्रमुख मुस्लिम चेहरा नहीं है। वर्तमान में पार्टी में कोई मुस्लिम विधायक या मंत्री नहीं है, जिससे उनकी नियुक्ति राजनीतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हो गई है। अजहर को जुबली हिल्स विधानसभा उपचुनाव से पहले मंत्रीमंडल में शामिल किया जा रहा है, जो मुस्लिम मतदाताओं के बीच कांग्रेस की अपील को बढ़ाने का प्रयास है।


उपचुनाव की तैयारी

क्यों हो रहा उपचुनाव?

BRS विधायक मगंती गोपीनाथ के निधन के कारण जुबली हिल्स सीट पर उपचुनाव 11 नवंबर को होना है। कांग्रेस के लिए यह चुनाव प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है, क्योंकि पार्टी अपनी जीती हुई सीट को पुनः प्राप्त करना चाहती है।


अजहर की राजनीतिक स्थिति

6 महीने के अंदर बनना होगा MLC या MLA

मंत्री बनने के बाद, अजहर को 6 महीने के भीतर MLC या MLA बनना होगा। 2023 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद, कांग्रेस ने उनके नाम को राज्यपाल कोटे के तहत एमएलसी सीट के लिए भेजा है, जो अभी भी लंबित है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राज्यपाल ने एक मामले के कारण उनकी नियुक्ति पर रोक लगा दी है।