कांग्रेस नेताओं ने न्यायपालिका के फैसले का किया स्वागत, मोदी सरकार पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने दिल्ली की अदालत के फैसले का स्वागत किया, जिसमें प्रवर्तन निदेशालय के नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपपत्र को स्वीकार करने से इनकार किया गया। उन्होंने मोदी सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि यह निर्णय न्यायपालिका में विश्वास को दर्शाता है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी सरकार की आलोचना की और इसे राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश बताया। जानें इस मामले में और क्या कहा गया।
 | 
कांग्रेस नेताओं ने न्यायपालिका के फैसले का किया स्वागत, मोदी सरकार पर उठाए सवाल

कांग्रेस नेताओं की प्रतिक्रिया

कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने मंगलवार को दिल्ली की अदालत द्वारा प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के नेशनल हेराल्ड मामले में दायर आरोपपत्र को स्वीकार करने से इनकार करने के निर्णय का स्वागत किया। उन्होंने कहा कि यह आदेश न्यायपालिका में उनके विश्वास को दर्शाता है। पायलट ने मीडिया से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने कांग्रेस और गांधी परिवार को इस झूठे मामले में फंसाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी। यह न्यायपालिका पर हमारे विश्वास का परिणाम है और सत्य की जीत है। उन्होंने यह भी कहा कि राहुल गांधी और सोनिया गांधी को असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।


सरकार की आलोचना

चुनाव के माहौल को प्रभावित करने के लिए सरकार की आलोचना करते हुए पायलट ने कहा कि पिछले 11 वर्षों में भारत सरकार ने कितने घुसपैठियों को निकाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार केवल घुसपैठियों की बात करके और डर फैलाकर चुनावी माहौल को बदलना चाहती है। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी प्रवर्तन निदेशालय की चार्जशीट पर अदालत के इनकार पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की, इसे मोदी सरकार की राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश बताया।


खड़गे का बयान

एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने कहा कि जब नेशनल हेराल्ड, कांग्रेस पार्टी और उनके नेताओं पर झूठे आरोप लगाए गए थे, तब उन्होंने कहा था कि अगर हम अंग्रेजों से नहीं डरते, तो भाजपा-आरएसएस या मोदी-शाह से क्यों डरें? उन्होंने अदालत के फैसले को मोदी सरकार की कार्रवाई को अवैध ठहराते हुए राजनीतिक प्रतिशोध की साजिश का पर्दाफाश करने वाला बताया।