कांग्रेस नेताओं का विरोध: एमजीएनआरईजीए का नाम बदलने पर केंद्र सरकार की आलोचना
कांग्रेस नेता उदित राज ने बुधवार को केंद्र सरकार के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उन्होंने इस कदम को महात्मा गांधी की विरासत पर हमला और ग्रामीण श्रमिकों के अधिकारों का हनन बताया। कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने भी इस निर्णय की आलोचना की, इसे भाजपा और आरएसएस की महात्मा गांधी के प्रति दुश्मनी का प्रतीक बताया। प्रदर्शन में कर्नाटक के मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री भी शामिल हुए, जिन्होंने नेशनल हेराल्ड मामले पर सवाल उठाए।
| Dec 17, 2025, 16:07 IST
कांग्रेस का प्रदर्शन
बुधवार को कांग्रेस नेता उदित राज ने केंद्र सरकार के महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलकर विकसित भारत-रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) विधेयक रखने के निर्णय के खिलाफ अखिल भारतीय असंगठित श्रमिक कांग्रेस के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व किया। उन्होंने विधेयक की एक प्रति जलाकर इस कदम का विरोध किया। उदित राज ने कहा कि एमजीएनआरईजीए, जो ग्रामीण बेरोजगारी को समाप्त करने की दिशा में एक ऐतिहासिक योजना थी, को समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी का नाम हटाना न केवल उनकी विरासत पर हमला है, बल्कि यह ग्रामीण श्रमिकों के रोजगार के कानूनी अधिकार को भी छीनने का प्रयास है।
कर्नाटक के मंत्री की प्रतिक्रिया
कर्नाटक के मंत्री दिनेश गुंडू राव ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। उन्होंने कहा कि यह कदम भाजपा और आरएसएस की महात्मा गांधी के प्रति वैचारिक दुश्मनी को दर्शाता है। बेलगावी में आयोजित विरोध प्रदर्शन में बोलते हुए राव ने कहा कि यह स्पष्ट है कि आरएसएस और भाजपा महात्मा गांधी को पसंद नहीं करते, जो उनके कार्यों में स्पष्ट है। यह एक सफल रोजगार सृजन कार्यक्रम था, जिसे वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त है।
कांग्रेस का विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक कांग्रेस के नेताओं ने बेलगावी के सुवर्ण सौधा में गांधी प्रतिमा के पास नेशनल हेराल्ड मामले और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) का नाम बदलने के खिलाफ प्रदर्शन किया। इस विरोध में कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार भी शामिल हुए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि नेशनल हेराल्ड भारत के स्वतंत्रता आंदोलन से गहराई से जुड़ा हुआ था।
केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल
डीके शिवकुमार ने केंद्रीय एजेंसियों की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि नेशनल हेराल्ड देश का गौरव है, जिसकी स्थापना जवाहरलाल नेहरू ने स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान की थी। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्हें अभी तक एफआईआर की प्रति नहीं दी गई है और कहा कि इस तरह की कार्रवाई से प्रवर्तन निदेशालय की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा, “मेरा सिर्फ एक ही सवाल है: मुझे अभी तक एफआईआर की प्रति क्यों नहीं दी गई है? आज प्रवर्तन निदेशालय की छवि धूमिल हो गई है।”
विरोध प्रदर्शन का मुख्य मुद्दा
विरोध प्रदर्शन का मुख्य फोकस केंद्र सरकार द्वारा एमजीएनआरईजीए का नाम बदलने का कदम था, जिसमें कांग्रेस नेताओं ने भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार पर महात्मा गांधी की विरासत को कमजोर करने और एक ऐतिहासिक कल्याणकारी योजना को कमज़ोर करने का आरोप लगाया। कर्नाटक के मंत्री एम बी पाटिल ने कहा कि महात्मा गांधी राष्ट्रपिता हैं और एमजीएनआरईजीए को एक सफल कार्यक्रम बताया जिसने ग्रामीण भारत में स्थानीय रोजगार सृजित किया।
