कांग्रेस नेता ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर उठाए सवाल

कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को चौंकाने वाला करार दिया है। उन्होंने केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने को कहा है कि क्या उसे इस घटनाक्रम की पूर्व सूचना थी। गोगोई ने नई नियुक्ति के संदर्भ में भी स्पष्टीकरण मांगा है। कांग्रेस ने धनखड़ के इस्तीफे के पीछे गहरे कारणों का भी संकेत दिया है। यह घटनाक्रम भारतीय राजनीति में महत्वपूर्ण सवाल उठाता है।
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कांग्रेस नेता ने उपराष्ट्रपति के इस्तीफे पर उठाए सवाल

कांग्रेस का बयान

लोकसभा में कांग्रेस के उप नेता गौरव गोगोई ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे को ‘चौंकाने वाला’ बताते हुए मंगलवार को केंद्र सरकार से यह स्पष्ट करने की मांग की कि क्या उसे इस घटनाक्रम की पूर्व सूचना थी।


गोगोई ने उपराष्ट्रपति के लिए नई नियुक्ति के संदर्भ में भी सरकार से स्पष्टीकरण मांगा। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, 'माननीय उपराष्ट्रपति का इस्तीफा वास्तव में चौंकाने वाला है। मैं धनखड़ जी के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करता हूं।' उन्होंने आगे कहा कि केंद्र को यह स्पष्ट करना चाहिए कि क्या उसे पहले से इस बारे में जानकारी थी और क्या उसने नए उपराष्ट्रपति के चयन की योजना बनाई थी। कल उपराष्ट्रपति की अध्यक्षता में हुई बैठक में कई वरिष्ठ मंत्रियों की अनुपस्थिति ने इस मुद्दे को और महत्वपूर्ण बना दिया है।


कांग्रेस का आरोप

कांग्रेस ने मंगलवार को यह भी दावा किया कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे स्वास्थ्य कारणों के अलावा और भी गहरे मुद्दे हो सकते हैं। पार्टी ने कहा कि उनका इस्तीफा कई सवाल खड़े करता है, विशेषकर उन लोगों की नीयत पर जिन्होंने उन्हें उपराष्ट्रपति बनाया। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने बताया कि धनखड़ ने सोमवार को राज्यसभा की कार्य मंत्रणा समिति की अध्यक्षता की थी।


इतिहास में उपराष्ट्रपतियों के इस्तीफे

जगदीप धनखड़, कार्यकाल के बीच में इस्तीफा देने वाले तीसरे उपराष्ट्रपति बन गए हैं। इससे पहले, वीवी गिरि ने 1969 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था और बाद में राष्ट्रपति बने। भैरों सिंह शेखावत ने भी 2007 में उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफा दिया था। उनके इस्तीफे के बाद, उपराष्ट्रपति का पद 21 दिनों तक रिक्त रहा, जिसके बाद मोहम्मद हामिद अंसारी को चुना गया।


उपराष्ट्रपति आर वेंकटरमन, शंकर दयाल शर्मा और केआर नारायणन ने भी अपने पदों से इस्तीफा दिया था, लेकिन वे राष्ट्रपति बनने के बाद ऐसा किया। कृष्णकांत एकमात्र उपराष्ट्रपति थे, जिनका निधन पद पर रहते हुए हुआ था।