कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम में धांधली के आरोप लगाए

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने राहुल गांधी के वोट चोरी के आरोपों के संदर्भ में ईवीएम में धांधली का आरोप लगाया है। उन्होंने मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए मतपत्रों की वापसी की मांग की। राहुल गांधी ने कर्नाटक में 6000 से अधिक वोटों को मिटाने के प्रयास का आरोप लगाया है, जबकि चुनाव आयोग ने इन आरोपों को गलत बताया है। इस विवाद ने चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर नई बहस छेड़ दी है।
 | 
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ईवीएम में धांधली के आरोप लगाए

राहुल गांधी के आरोपों के बीच दिग्विजय सिंह की प्रतिक्रिया

राहुल गांधी द्वारा वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शुक्रवार को इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) में धांधली का आरोप लगाया और मतपत्रों को वापस लाने की मांग की।  एक मीडिया रिपोर्ट को साझा करते हुए, जिसमें इज़राइली सॉफ़्टवेयर के माध्यम से चुनावों में हेरफेर करने का दावा किया गया था, दिग्विजय सिंह ने भारत में मतदान की निष्पक्षता पर सवाल उठाया।


 


कांग्रेस की चिंताएं


कांग्रेस ने सवाल उठाया कि क्या हम आज के तकनीकी युग में देश के चुनावों को हैकर्स के हाथों में सौंप सकते हैं। क्या हमें भारत में मतदान के लिए मतपत्रों का उपयोग नहीं करना चाहिए? सिंह ने सुझाव दिया कि वोटर वेरिफ़िएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) पर्चियों को मतदाताओं को सौंपा जाना चाहिए। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा कि क्या हमें ईवीएम की वीवीपीएटी पर्चियाँ मतदाताओं को नहीं देनी चाहिए? क्या यह @INCIndia की @ECISVEEP से एक उचित मांग नहीं है? जय सिया राम। जय बापू, जय भीम, जय संविधान। 


 


राहुल गांधी के आरोप


दिग्विजय सिंह की यह टिप्पणी राहुल गांधी द्वारा कर्नाटक के अलंद में 6000 से अधिक वोटों को मिटाने के प्रयास के आरोपों के बीच आई है। राहुल गांधी ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि कर्नाटक के अलंद में 6018 वोटों को मिटाने की कोशिश की गई। उन्होंने कहा कि हमें नहीं पता कि 2023 के चुनावों में कुल कितने वोट मिटाए गए, लेकिन कुछ मामलों में लोग पकड़े गए। एक बूथ लेवल अधिकारी ने देखा कि उसके चाचा का वोट मिटा दिया गया था, और जब उसने जांच की, तो पता चला कि उसके पड़ोसी ने वोट मिटा दिया था।


 


चुनाव आयोग का स्पष्टीकरण


गांधी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें देश में कथित मतदान धोखाधड़ी का पर्दाफाश करने में भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) के लिए काम करने वाले लोगों से "मदद" मिल रही है। हालांकि, चुनाव आयोग ने सभी आरोपों को सख्ती से खारिज करते हुए कहा कि किसी भी मतदाता का नाम ऑनलाइन नहीं मिटाया जा सकता। आयोग ने स्पष्ट किया कि राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोप गलत और निराधार हैं। किसी भी वोट को प्रभावित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना नहीं हटाया जा सकता।