कांग्रेस नेता गौरव गोगोई ने उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर उठाए सवाल

गौरव गोगोई का बयान
लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता गौरव गोगोई ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे पर चर्चा की। उन्होंने बताया कि सरकार की ओर से इस मुद्दे पर कोई संकेत नहीं मिला है कि वे इस पर बातचीत के लिए तैयार हैं। यह मुद्दा लोकतंत्र के मूल अधिकारों से जुड़ा है, जो नागरिकों के मतदान के अधिकार से संबंधित है। जबकि सरकार का दावा है कि वह किसी भी विषय पर चर्चा के लिए तैयार है, लेकिन बंद दरवाजों के पीछे हुई बैठकों में इस मुद्दे का उल्लेख करने से भी इनकार किया गया है।
धनखड़ के इस्तीफे पर गोगोई की टिप्पणी
गौरव गोगोई ने मंगलवार को कहा कि उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के इस्तीफे की राजनीतिक प्रकृति का संकेत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया पोस्ट से मिलता है। धनखड़ ने स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए सोमवार को अपने पद से इस्तीफा दिया। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को अपना इस्तीफा भेजा और कहा कि वह तत्काल प्रभाव से पद छोड़ रहे हैं।
गोगोई ने अपने पोस्ट में धनखड़ का नाम नहीं लिया, लेकिन कहा कि पीठासीन अधिकारी की भूमिका में और इस्तीफे के समय संवैधानिक पद की गरिमा बनाए रखी जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के ट्वीट से इस्तीफे की राजनीतिक प्रकृति का पता चलता है। मोदी ने धनखड़ के अच्छे स्वास्थ्य की कामना की और कहा कि उन्हें विभिन्न पदों पर रहते हुए देश की सेवा करने के कई अवसर मिले।
धनखड़ के इस्तीफे के पीछे की अटकलें
धनखड़ के इस्तीफे ने अटकलों को जन्म दिया है कि क्या 'स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता देने' का कारण मुख्य है या कुछ और। कांग्रेस का कहना है कि धनखड़ के इस्तीफे के पीछे के कारण उनकी बताई गई स्वास्थ्य समस्याओं से कहीं अधिक गंभीर हैं।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि उच्च पद पर आसीन किसी व्यक्ति के जाने पर जो प्रशंसा की जाती है, वह सत्तारूढ़ गठबंधन की ओर से नहीं दिखी, जो इस बात का संकेत है कि सरकार उनके जाने से शायद खुश है। हालांकि, विपक्ष ने पिछले वर्ष धनखड़ के कथित पक्षपात के लिए उन पर महाभियोग चलाने के नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे।