कांग्रेस नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने नेशनल हेराल्ड मामले को बताया राजनीतिक साजिश
नेशनल हेराल्ड मामले पर कांग्रेस का बयान
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद अभिषेक मनु सिंघवी ने बुधवार को नेशनल हेराल्ड मामले को सत्ताधारी दल की ओर से रची गई एक झूठी साजिश करार दिया। उन्होंने इसे "केंद्रीय जांच एजेंसियों के दुरुपयोग" का एक स्पष्ट उदाहरण बताया। मीडिया से बातचीत करते हुए सिंघवी ने कहा कि आरोप पूरी तरह से निराधार हैं और इस मामले में हाल के निर्णय पर राजनीतिक दबाव का असर पड़ा है। उन्होंने कहा कि नेशनल हेराल्ड मामला केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का प्रमाण है। आरोप लगाए गए थे, लेकिन वे निराधार थे और इस मामले में सत्ता के दबाव का प्रभाव कल के निर्णय पर पड़ा। आरोप हवा में तैर रहे थे, लेकिन कानून ने मजबूती से अपनी स्थिति बनाए रखी।
केंद्रीय एजेंसियों के दुरुपयोग का मुद्दा
सिंघवी ने यह भी बताया कि 2021 से 2025 के बीच प्रवर्तन निदेशालय ने कई पूछताछ सत्र आयोजित किए, जिनमें कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से पांच घंटे और राहुल गांधी से तीन घंटे की पूछताछ शामिल थी। उन्होंने कहा कि इन पूछताछों की खबरें देशभर के समाचार पत्रों के पहले पन्नों पर छपी थीं। कांग्रेस नेता ने दोहराया कि ऐसे मामले यह दर्शाते हैं कि केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग राजनीतिक विरोधियों पर दबाव डालने के लिए कैसे किया जा सकता है।
नेशनल हेराल्ड मामला और आरोप
एक दिन पहले, सिंघवी ने नेशनल हेराल्ड मामले को "राष्ट्रीय उत्पीड़न का मामला" बताया था और पार्टी के नेताओं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और अन्य पर लगे मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों का खंडन किया था। यह मामला पूर्व सांसद सुब्रमण्यम स्वामी द्वारा दायर शिकायत से शुरू हुआ था, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेताओं और एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) से जुड़ी कंपनियों द्वारा धन के दुरुपयोग का आरोप लगाया था।
