कांग्रेस ने वायु प्रदूषण पर सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सरकार की चुप्पी को लेकर तीखा हमला किया है। उन्होंने हाल ही में समाप्त संसद के शीतकालीन सत्र को 'प्रदूषण सत्र' करार दिया और कहा कि सरकार ने प्रदूषण और फेफड़ों की समस्याओं के बीच संबंध से इनकार किया। रमेश ने राहुल गांधी की वायु गुणवत्ता पर चर्चा की मांग का समर्थन किया और सरकार पर आरोप लगाया कि चर्चा न होने की जिम्मेदारी उनकी है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया।
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कांग्रेस ने वायु प्रदूषण पर सरकार की चुप्पी पर उठाए सवाल

कांग्रेस महासचिव का आरोप

कांग्रेस के महासचिव जयराम रमेश ने शुक्रवार को वायु प्रदूषण के मुद्दे पर केंद्र सरकार पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि हाल ही में समाप्त संसद का शीतकालीन सत्र इस मुद्दे पर चर्चा करने की सरकार की अनिच्छा के कारण "प्रदूषण सत्र" में बदल गया। एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रमेश ने बताया कि संसद में सरकार की प्रतिक्रिया उन्हें चौंका गई, जिसमें प्रदूषण और फेफड़ों से जुड़ी बीमारियों के बीच किसी संबंध से इनकार किया गया।


प्रदूषण सत्र की आलोचना

रमेश ने कहा कि यह सत्र प्रदूषण पर चर्चा का नहीं, बल्कि प्रदूषण सत्र था। उन्होंने कहा कि जब सरकार ने संसद में यह कहा कि प्रदूषण और फेफड़ों की समस्याओं के बीच कोई संबंध नहीं है, तो वह स्तब्ध रह गए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देशभर में, खासकर उत्तर भारत में, जहां प्रदूषण का स्तर गंभीर बना हुआ है, वायु गुणवत्ता पर चर्चा की बार-बार मांग की है।


सरकार की जिम्मेदारी

रमेश ने कहा कि राहुल गांधी ने वायु प्रदूषण पर चर्चा की मांग की थी और कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में इस पर बहस चाहती थी। उन्होंने सरकार के इस दावे को खारिज किया कि विपक्ष के व्यवधान के कारण चर्चा नहीं हो सकी। रमेश ने बताया कि विपक्ष की मांगों के बावजूद लोकसभा को इस मुद्दे पर चर्चा किए बिना अनिश्चितकाल के लिए स्थगित कर दिया गया।


संसदीय कार्य मंत्री का बयान

रमेश ने सत्ताधारी पक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि चर्चा न होने की जिम्मेदारी सरकार की है। उन्होंने कहा, "सरकार का यह बयान कि कांग्रेस के कारण प्रदूषण पर चर्चा नहीं हो सकी, गलत है।" यह टिप्पणी संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू के उस बयान के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस पर संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान वायु प्रदूषण पर प्रस्तावित चर्चा को बाधित करने का आरोप लगाया था।