कांग्रेस ने रायबरेली हत्या और CJI पर हमले को चुनावी मुद्दा बनाया

कांग्रेस का संयुक्त बयान

कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी
रायबरेली में एक दलित युवक की हत्या और सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस गवई पर हमले की कोशिश ने राजनीतिक रंग ले लिया है। कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी, पार्टी के दलित नेताओं के साथ मिलकर इन घटनाओं पर एक संयुक्त बयान जारी करेंगे। उनका मानना है कि बीजेपी शासन में दलित, गरीब और सीजेआई सभी खतरे में हैं, और इसे संविधान तथा लोकतंत्र के लिए गंभीर खतरा माना जा रहा है।
सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे को लेकर एक ठोस रणनीति बना रही है। यूपी में दलित युवक की हत्या के मामले में कांग्रेस सपा प्रमुख अखिलेश यादव के साथ मिलकर राजनीतिक हमले को जारी रखेगी। पार्टी बिहार विधानसभा चुनाव में भी इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाने की योजना बना रही है।
राहुल गांधी की प्रतिक्रिया
राहुल गांधी ने विदेश से की बात
रायबरेली की घटना के बाद, राहुल गांधी ने पीड़ित परिवार से फोन पर बात की। कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने बताया कि राहुल ने इस प्रकार की हिंसा पर गहरी चिंता व्यक्त की है और कहा है कि ऐसे अपराधियों को सजा मिलनी चाहिए। राहुल इस समय दक्षिण अमेरिका के चार देशों की यात्रा पर हैं।
पुलिस ने दलित युवक की हत्या के मामले में शनिवार को पांच लोगों को गिरफ्तार किया। पुलिस के अनुसार, युवक मानसिक रूप से कमजोर था और जब वह अपने ससुराल जा रहा था, तब भीड़ ने उसे घेर लिया। भीड़ ने उसे ड्रोन से निशान लगाने वाले गिरोह का सदस्य समझकर हमला किया, जिसके परिणामस्वरूप उसकी मौत हो गई। इस घटना का वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।
सीजेआई पर हमले की कोशिश
सीजेआई पर हमले की कोशिश
दूसरी ओर, सुप्रीम कोर्ट में एक वकील ने मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई पर जूता फेंकने की कोशिश की। सुरक्षाकर्मियों ने समय रहते उसे पकड़ लिया। यह घटना कोर्ट रूम में हुई, जबकि सीजेआई मामले की सुनवाई कर रहे थे। सीजेआई ने सुरक्षाकर्मियों से इसे नजरअंदाज करने के लिए कहा और सुनवाई जारी रखी।
राहुल गांधी का बयान
कांग्रेस ने इस घटना की कड़ी निंदा की है। राहुल गांधी ने सोशल मीडिया पर लिखा कि भारत के मुख्य न्यायाधीश पर हमला हमारे संविधान की भावना और न्यायपालिका की गरिमा पर हमला है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की नफरत का हमारे देश में कोई स्थान नहीं है और इसे सख्ती से नकारा जाना चाहिए।