कांग्रेस ने मोदी के भागवत पर लेख को लेकर उठाए सवाल
कांग्रेस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोहन भागवत पर लिखे लेख की आलोचना की है, इसे संघ के पक्ष में एक हताश प्रयास करार दिया। जयराम रमेश ने मोदी के बयान पर सवाल उठाते हुए महात्मा गांधी के सत्याग्रह का उल्लेख नहीं करने पर भी चिंता जताई। मोदी ने भागवत की बौद्धिक गहराई की प्रशंसा की और उनके नेतृत्व को आरएसएस की 100 साल की यात्रा में महत्वपूर्ण बताया। इस लेख में भागवत के योगदान और संघ के शताब्दी समारोह का भी जिक्र किया गया है।
Sep 11, 2025, 12:17 IST
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कांग्रेस का मोदी पर हमला
कांग्रेस ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मोहन भागवत पर लिखे लेख की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि यह लेख आरएसएस प्रमुख के 75वें जन्मदिन पर संघ के पक्ष में एक हताश प्रयास है। मोदी ने भागवत की बौद्धिक गहराई और संवेदनशील नेतृत्व की सराहना करते हुए कहा कि उनका कार्यकाल 2009 से आरएसएस के प्रमुख के रूप में इस संगठन की 100 साल की यात्रा में सबसे महत्वपूर्ण माना जाएगा।
जयराम रमेश का बयान
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने भागवत के जन्मदिन पर एक अतिशयोक्तिपूर्ण संदेश लिखा है, जो आरएसएस नेतृत्व को खुश करने की कोशिश है। उन्होंने यह भी याद दिलाया कि 11 सितंबर 1893 को स्वामी विवेकानंद ने शिकागो में अपना प्रसिद्ध भाषण दिया था, और 11 सितंबर 2001 को अमेरिका में अल-कायदा के हमले हुए थे।
महात्मा गांधी का उल्लेख
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री ने 11 सितंबर 1906 को महात्मा गांधी द्वारा जोहान्सबर्ग में सत्याग्रह के आह्वान का उल्लेख नहीं किया, जो एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक घटना थी। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री से सत्याग्रह की उत्पत्ति को याद रखने की उम्मीद करना बहुत अधिक है।
मोदी की प्रशंसा
प्रधानमंत्री मोदी ने भागवत की 'बौद्धिक गहराई और सहृदय नेतृत्व' की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनका कार्यकाल आरएसएस की 100 साल की यात्रा में सबसे परिवर्तनकारी है। उन्होंने कहा कि भागवत 'वसुधैव कुटुंबकम' का जीवंत उदाहरण हैं और उन्होंने समाज को संगठित करने में अपना जीवन समर्पित किया है।
संघ का शताब्दी समारोह
मोदी ने यह भी बताया कि इस साल विजया दशमी पर आरएसएस का शताब्दी समारोह मनाया जाएगा, जो महात्मा गांधी और लाल बहादुर शास्त्री की जयंती के साथ मेल खाता है। उन्होंने भागवत के दूरदर्शी नेतृत्व की सराहना की और कहा कि जब लोग सीमाओं को पार करते हैं, तो समाज में विश्वास और समानता बढ़ती है।