कांग्रेस ने पाकिस्तान की यूएन में भूमिकाओं पर उठाए सवाल

कांग्रेस ने पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में मिली नई भूमिकाओं पर चिंता जताई है। पार्टी ने इसे भारतीय विदेश नीति के पतन के रूप में देखा है और वैश्विक समुदाय से सवाल किया है कि कैसे पाकिस्तान को आतंकवाद के प्रायोजन के लिए मान्यता दी जा रही है। इस संदर्भ में, कांग्रेस ने हाल में पाकिस्तान को मिली वित्तीय सहायता और यूएन में उसकी नई जिम्मेदारियों का उल्लेख किया है।
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कांग्रेस ने पाकिस्तान की यूएन में भूमिकाओं पर उठाए सवाल

पाकिस्तान की नई जिम्मेदारियों पर कांग्रेस की प्रतिक्रिया

कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को यह बयान दिया कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में दो महत्वपूर्ण भूमिकाएं मिलना भारतीय विदेश नीति की एक दुखद कहानी है। पार्टी ने सवाल उठाया कि वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद को प्रायोजित करने को कैसे लगातार मान्यता दे सकता है।


पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) की तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष और आतंकवाद विरोधी समिति का उप प्रमुख बनाया गया है।


कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जानकारी साझा करते हुए कहा कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान, 9 मई को अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर की सहायता दी। इसके तुरंत बाद, विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 40 अरब डॉलर देने का निर्णय लिया।


इसके अलावा, 3 जून को एशियन डेवलपमेंट बैंक (एडीबी) ने भी पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर की सहायता प्रदान की। खेड़ा ने यह भी बताया कि 4 जून को पाकिस्तान को यूएनएससी तालिबान प्रतिबंध समिति का अध्यक्ष और आतंकवाद विरोधी समिति का उप प्रमुख चुना गया।