कांग्रेस ने H-1B वीजा की बढ़ती कीमत पर मोदी सरकार को घेरा

H-1B वीजा की कीमत पर राजनीतिक विवाद

राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा H-1B वीजा की वार्षिक फीस को एक लाख डॉलर (लगभग 88 लाख रुपये) करने के बाद भारत में राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। विपक्षी दलों ने इस निर्णय को लेकर मोदी सरकार पर तीखे हमले किए हैं। कांग्रेस ने इस मुद्दे पर एक वीडियो साझा किया है, जिसमें लिखा गया है, 'तो, इस 6 लाख रुपये के एच-1बी वीज़ा की कीमत कितनी है?'
वीडियो में एक ऑफिस का दृश्य है, जहां एक लड़की डेस्क पर बैठी है और उसकी डेस्क पर लिखा है 'अमेरिका का VISA यहां मिलता है'। तभी एक लड़का आता है और पूछता है कि 'ये 6 लाख वाला वीजा कितने का है?' सुनकर लड़की पूछती है, 'कौन सा?'. लड़का फिर से कहता है, '6 लाख वाला H-1B'।
‘H-1B वीजा के बारे में बातचीत’
इस दौरान लड़के का ध्यान लड़की की ओर नहीं होता, जिस पर लड़की नाराज होकर कहती है, 'इधर देखकर बात करो, क्या तुम्हारा दिमाग ठीक है?' लड़का बड़े ही आत्मविश्वास से कहता है, 'अरे, तो पूछना तो पड़ेगा ना।' लड़की कहती है, 'ऐसे मत पूछो कि H-1B वीजा है क्या।' लड़की फिर कहती है, 'बिल्कुल है, दुकान पर है मिलेगा।'
ये 6 लाख वाला H-1B वीजा कितने का है जी? pic.twitter.com/GZx6D9G5bH
— Congress (@INCIndia) September 20, 2025
‘विदेश नीति पर सवाल’
लड़का फिर मुस्कुराते हुए पूछता है, '6 लाख वाला वीजा कितने का है?' लड़की गुस्से में कहती है, '88 लाख का है।' लड़का हैरान होकर पूछता है, 'ये कब हुआ?' लड़की जवाब देती है, 'यही है भाई, मोदी जी के डियर फ्रेंड ट्रंप ने कर दिया।' लड़का मुस्कुराते हुए कहता है, 'यही है हमारी विदेश नीति।'
‘कमजोर प्रधानमंत्री की आलोचना’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री मोदी की आलोचना की है। उन्होंने कहा कि भारत के पास 'कमजोर पीएम' है। राहुल ने अपनी 2017 की पोस्ट को फिर से साझा किया, जिसमें H-1B वीजा और जम्मू-कश्मीर की रिपोर्टों का उल्लेख किया गया था। उन्होंने कहा, 'मैं दोहराता हूं, भारत के पास एक कमजोर प्रधानमंत्री है।'
‘ट्रंप के निर्णय का प्रभाव’
कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि ट्रंप के निर्णय का सबसे अधिक नुकसान भारत को होगा। पार्टी ने कहा कि इससे भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी के अवसर कम होंगे और भारत को कम पैसे मिलेंगे। भारतीय IT पेशेवरों की नौकरियां भी खतरे में पड़ गई हैं।