कांग्रेस की बिहार चुनाव में हार: राहुल गांधी की अनुपस्थिति पर उठे सवाल
कांग्रेस की नई चुनौतियाँ
कांग्रेस एक बार फिर चुनावी मैदान में असफल रही है। इस बार की हार बिहार जैसे राजनीतिक रूप से संवेदनशील राज्य में हुई है। इस हार के बाद, पार्टी के नेता राहुल गांधी की अनुपस्थिति ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्हें आखिरी बार अपनी भतीजी प्रियंका गांधी वाड्रा के साथ लंदन के हीथ्रो एयरपोर्ट पर देखा गया था। हालांकि, कांग्रेस की नेता सुप्रिया श्रीनेत और रागिनी नायक ने इस बात का खंडन किया है कि राहुल का वीडियो सितंबर का है। ऐसे में, बिहार में कांग्रेस के प्रमुख चेहरे राहुल गांधी आखिर कहां हैं? कुछ अफवाहें हैं कि वह लंदन या मस्कट में हो सकते हैं, लेकिन कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
राहुल गांधी की यात्रा का प्रभाव
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव से पहले शुरू की गई 'वोटर अधिकार यात्रा' का कोई खास असर नहीं पड़ा। यह यात्रा जिन क्षेत्रों से गुजरी, वहां भी महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। यह यात्रा 17 अगस्त को रोहतास जिले के सासाराम से शुरू हुई थी, जिसका उद्देश्य कथित वोट चोरी और मतदाता सूची में सुधार के खिलाफ जागरूकता फैलाना था। यात्रा के दौरान राहुल गांधी ने कई जिलों का दौरा किया, लेकिन परिणामों में कोई सकारात्मक बदलाव नहीं आया।
महागठबंधन की स्थिति
सासाराम में जहां यात्रा की शुरुआत हुई थी, वहां महागठबंधन को हार का सामना करना पड़ा। राष्ट्रीय लोक मोर्चा की उम्मीदवार स्नेहलता ने राष्ट्रीय जनता दल के उम्मीदवार को हराया। इसके बाद, औरंगाबाद जिले में भी महागठबंधन को निराशा मिली, जहां कांग्रेस के अध्यक्ष राजेश कुमार राम को हार का सामना करना पड़ा। यात्रा के दौरान कई क्षेत्रों में भारी भीड़ जुटी, लेकिन कांग्रेस का प्रदर्शन अपेक्षाकृत कमजोर रहा।
