कांग्रेस का आरएसएस पर आरोप: भारत छोड़ो आंदोलन का विरोध

भारत छोड़ो आंदोलन की वर्षगांठ पर कांग्रेस का बयान
कांग्रेस ने शनिवार को 'भारत छोड़ो' आंदोलन की वर्षगांठ के अवसर पर आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने 1942 में इस आंदोलन का विरोध किया था, और इसके बाद कुछ वर्षों में संविधान का भी विरोध किया।
महात्मा गांधी ने 1942 में ब्रिटिश शासन के खिलाफ इस आंदोलन की शुरुआत की थी, जिसके परिणामस्वरूप औपनिवेशिक सरकार ने कांग्रेस के अधिकांश नेताओं को गिरफ्तार कर लिया।
रमेश ने 'एक्स' पर साझा करते हुए लिखा, '8 अगस्त 1942 की रात, अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने ऐतिहासिक 'भारत छोड़ो' प्रस्ताव को पारित किया। इसके बाद महात्मा गांधी ने इस आंदोलन की शुरुआत करते हुए अपना प्रसिद्ध 'करो या मरो' भाषण दिया।'
उन्होंने आगे बताया कि '9 अगस्त, 1942 की सुबह कांग्रेस के प्रमुख नेताओं को गिरफ्तार कर लिया गया। गांधी जी को पुणे के आगा खान पैलेस में 6 मई 1944 तक नजरबंद रखा गया। नेहरू, पटेल, आज़ाद, पंत और अन्य नेताओं को अहमदनगर किले की जेल में भेजा गया, जहां वे 28 मार्च 1945 तक कैद रहे।'
रमेश के अनुसार, यह नेहरू की नौवीं गिरफ्तारी थी। उन्होंने कहा, '1921 से 1945 के बीच नेहरू ने कुल मिलाकर नौ साल जेल में बिताए। अहमदनगर जेल में ही उन्होंने अपनी प्रसिद्ध कृति 'द डिस्कवरी ऑफ इंडिया' लिखी।'
कांग्रेस नेता ने यह भी कहा, 'जब पूरा कांग्रेस नेतृत्व जेल में था और देश आंदोलन की लहर में था, तब आरएसएस ने सक्रिय रूप से 'भारत छोड़ो' आंदोलन का विरोध किया। सात साल बाद, इसी संगठन ने भारत के संविधान का भी विरोध किया।