कांग्रेस और शशि थरूर के बीच बढ़ती दूरियां: केरल उपचुनाव पर विवाद

कांग्रेस और शशि थरूर के बीच बढ़ती दूरियों का मामला हाल ही में केरल विधानसभा उपचुनाव के संदर्भ में चर्चा का विषय बना हुआ है। थरूर ने पार्टी नेतृत्व पर इग्नोर करने का आरोप लगाया है, जबकि कांग्रेस ने उनके दावों का खंडन किया है। जानें इस विवाद की पूरी कहानी और थरूर के कांग्रेस के प्रति लगाव के बारे में।
 | 
कांग्रेस और शशि थरूर के बीच बढ़ती दूरियां: केरल उपचुनाव पर विवाद

कांग्रेस और शशि थरूर के बीच तनाव

कांग्रेस और शशि थरूर के बीच संबंधों में स्पष्ट तनाव देखा जा रहा है। हाल के दिनों में दोनों पक्षों के बीच एक तरह का शीत युद्ध चल रहा है, जिसमें गुस्सा और नाराजगी का इजहार किया जा रहा है।


उपचुनाव पर थरूर के दावे का खंडन

शुक्रवार को, कांग्रेस की केरल इकाई के प्रमुख ने थरूर के उपचुनाव संबंधी दावों को खारिज कर दिया। सनी जोसेफ ने कहा कि थरूर का नाम नीलांबुर उपचुनाव के लिए स्टार प्रचारकों की सूची में था। यह प्रतिक्रिया तब आई जब थरूर ने कहा कि उन्हें पार्टी के प्रचार के लिए आमंत्रित नहीं किया गया था।


केरल कांग्रेस का स्पष्टीकरण

केरल कांग्रेस ने स्पष्ट किया कि थरूर का नाम चुनाव आयोग को दी गई स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल था।
पार्टी ने बताया कि थरूर विदेश में थे, जिससे उनकी अनुपस्थिति का कारण स्पष्ट होता है। थरूर ने कहा कि उन्हें रैली में आमंत्रित नहीं किया गया और उन्होंने पार्टी नेतृत्व के साथ मतभेदों को स्वीकार किया। यह विवाद तब शुरू हुआ जब थरूर ने केरल में सीपीएम सरकार की प्रशंसा की, जिससे कांग्रेस के अन्य नेता नाराज हो गए।


सनी जोसेफ का बयान

सनी जोसेफ ने कहा, "हमने आधिकारिक सूची प्रकाशित की थी और इसे चुनाव आयोग को सौंप दिया था। इसमें थरूर का नाम शामिल था। वह ज्यादातर समय विदेश में थे। मुझे नहीं पता कि वह केरल आए या नहीं।"


थरूर के आरोप

थरूर ने कांग्रेस पार्टी पर इग्नोर करने का आरोप लगाया।
उन्होंने कहा, "मुझे पार्टी ने आमंत्रित नहीं किया था। लेकिन यह ठीक है।" थरूर ने यह भी बताया कि वह विदेश में आधिकारिक दौरे पर थे।


थरूर का कांग्रेस के प्रति लगाव

नीलांबुर में पार्टी के अभियान से दूर रहने के बावजूद, थरूर ने कांग्रेस नेतृत्व में कुछ मुद्दों पर मतभेदों की बात स्वीकार की। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और उसके कार्यकर्ता उनके लिए बहुत महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि उन्होंने 16 वर्षों तक पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ काम किया है।