कांग्रेस अध्यक्ष ने मोदी सरकार पर मनरेगा के खिलाफ हमले का आरोप लगाया
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने मोदी सरकार पर मनरेगा योजना को कमजोर करने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि इस योजना में कटौती करना संविधान का उल्लंघन है। खड़गे ने सवाल उठाया कि क्या सरकार गरीबों से पैसे छीनने की कोशिश कर रही है और क्या इससे उन लोगों को नुकसान होगा जो इस योजना पर निर्भर हैं। उन्होंने सरकार से न्यूनतम मजदूरी बढ़ाने और काम के दिनों की संख्या बढ़ाने की मांग की है। जानें पूरी कहानी में खड़गे के अन्य सवाल और चिंताएं।
Jun 16, 2025, 14:40 IST
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मनरेगा पर कटौती का आरोप
कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने आरोप लगाया है कि मोदी सरकार मनरेगा योजना को कमजोर करने की कोशिश कर रही है। उन्होंने कहा कि इस योजना में कटौती करना संविधान का उल्लंघन है। खड़गे ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मोदी सरकार गरीबों के लिए जीवनदायिनी इस योजना को समाप्त करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। हाल ही में, सरकार ने पहले छह महीनों के लिए मनरेगा के खर्च की सीमा 60% निर्धारित की है। यह योजना संविधान के तहत काम का अधिकार प्रदान करती है, और इसमें कटौती करना गंभीर अपराध है।
खड़गे ने यह भी सवाल उठाया कि क्या मोदी सरकार गरीबों से लगभग ₹25,000 करोड़ की राशि छीनने की योजना बना रही है, जो हर साल अधिक मांग के कारण अगले वित्तीय वर्ष में खर्च की जाती है? उन्होंने यह भी पूछा कि यदि प्राकृतिक आपदाओं या प्रतिकूल मौसम के कारण मांग बढ़ती है, तो क्या होगा? क्या इस सीमा के कारण उन गरीबों को नुकसान नहीं होगा जो अपनी आजीविका के लिए मनरेगा पर निर्भर हैं?
कांग्रेस अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि यदि सीमा पार हो जाती है, तो क्या राज्य रोजगार देने से इनकार कर देंगे, या श्रमिकों को बिना भुगतान के काम करना होगा? उन्होंने एक रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि केवल 7% परिवारों को वादा किए गए 100 दिन का काम मिला है। उन्होंने यह भी पूछा कि लगभग 7 करोड़ पंजीकृत श्रमिकों को आधार आधारित भुगतान की शर्त पर क्यों बाहर किया गया? इसके अलावा, उन्होंने यह भी पूछा कि पिछले 10 वर्षों में मनरेगा के बजट का सबसे कम आवंटन क्यों किया गया है। खड़गे ने मोदी सरकार को गरीब विरोधी बताते हुए कहा कि यह सरकार मनरेगा श्रमिकों पर अत्याचार कर रही है।
खड़गे ने कहा कि मनरेगा पर खर्च में कटौती करना हर गरीब के जीवन पर मोदी सरकार का गंभीर आघात है। कांग्रेस पार्टी इसका कड़ा विरोध करेगी और दो प्रमुख मांगें रखी हैं — पहली, मनरेगा श्रमिकों के लिए न्यूनतम मजदूरी ₹400 प्रतिदिन तय की जाए, और दूसरी, साल में कम से कम 150 दिन का काम उपलब्ध कराया जाए।