कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं, जिसमें उन्होंने कहा कि आयोग महत्वपूर्ण जानकारी छिपा रहा है और कथित 'वोट चोरी' के पीछे के लोगों को बचा रहा है। उन्होंने कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के नाम हटाने के मामले में आयोग की निष्क्रियता पर सवाल उठाया। खरगे ने कहा कि आयोग को भाजपा के दबाव में आकर काम नहीं करना चाहिए और लोकतंत्र की रक्षा करनी चाहिए। इस विवाद में और क्या तथ्य सामने आएंगे, जानने के लिए पूरा लेख पढ़ें।
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कांग्रेस अध्यक्ष ने निर्वाचन आयोग पर गंभीर आरोप लगाए

खरगे का निर्वाचन आयोग पर आरोप

कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने रविवार को निर्वाचन आयोग पर आरोप लगाया कि वह महत्वपूर्ण जानकारी को छिपा रहा है और कथित 'वोट चोरी' के पीछे के लोगों को बचाने का काम कर रहा है।


खरगे ने 'एक्स' पर एक मीडिया रिपोर्ट साझा की, जिसमें कहा गया था कि 2023 में कर्नाटक विधानसभा चुनाव से पहले फॉर्म सात में जालसाजी के मामले में कोई प्रगति नहीं हुई है, क्योंकि निर्वाचन आयोग ने अब तक आरोपियों को पकड़ने के लिए आवश्यक आंकड़े साझा नहीं किए हैं।


हालांकि, निर्वाचन आयोग ने अभी तक इन आरोपों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है, लेकिन अतीत में कांग्रेस के ऐसे सभी दावों को निराधार बताया था। खरगे ने सवाल उठाया, "क्या निर्वाचन आयोग अब भाजपा का 'वोट चोरी' का अड्डा बन गया है?"


उन्होंने कहा, "इस घटनाक्रम को समझिए। मई 2023 के कर्नाटक चुनावों से पहले, कांग्रेस ने अलंद निर्वाचन क्षेत्र में बड़े पैमाने पर मतदाताओं के नाम हटाने का खुलासा किया था। फॉर्म सात में जालसाजी के जरिए हजारों मतदाताओं के अधिकार छीन लिए गए।"


खरगे ने बताया कि फरवरी 2023 में एक मामला दर्ज किया गया था, जिसमें 5,994 जाली आवेदन सामने आए, जो मतदाता धोखाधड़ी के बड़े पैमाने पर प्रयास का स्पष्ट प्रमाण थे। इसके बाद कांग्रेस सरकार ने दोषियों को पकड़ने के लिए सीआईडी जांच का आदेश दिया।


उन्होंने कहा, "लेकिन समस्या यह है कि आयोग ने पहले जालसाजी का पता लगाने के लिए आवश्यक दस्तावेजों का एक हिस्सा साझा किया था, जबकि अब उसने महत्वपूर्ण जानकारी छिपा ली है और 'वोट चोरी' के पीछे के लोगों को बचा रहा है!"


खरगे ने यह भी पूछा कि निर्वाचन आयोग ने अचानक महत्वपूर्ण सबूतों को क्यों छिपाया। उन्होंने कहा, "आयोग किसे बचा रहा है? भाजपा के 'वोट चोरी' विभाग को? क्या आयोग भाजपा के दबाव में आ रहा है ताकि सीआईडी जांच को पटरी से उतारा जा सके?"


खरगे ने जोर देकर कहा कि व्यक्ति के वोट देने के अधिकार और भारतीय लोकतंत्र की रक्षा की जानी चाहिए।