कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का पीएम मोदी पर तंज: 'अभी सम्राट नहीं बने'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में सरदार पटेल जयंती समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि मोदी अभी सम्राट नहीं बने हैं और समारोह में उनकी एकाकी उपस्थिति पर सवाल उठाया। खरगे ने सरदार पटेल और इंदिरा गांधी के योगदान का भी जिक्र किया और आरएसएस पर गंभीर आरोप लगाए। जानें इस बयान के पीछे की पूरी कहानी और कांग्रेस का दृष्टिकोण।
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कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का पीएम मोदी पर तंज: 'अभी सम्राट नहीं बने'

खरगे का मोदी पर हमला

कांग्रेस अध्यक्ष खरगे का पीएम मोदी पर तंज: 'अभी सम्राट नहीं बने'

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे.

कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे ने अहमदाबाद में सरदार पटेल जयंती समारोह के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष किया। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी समारोह में अंग्रेजों की तरह हैट पहनकर राजा की तरह बैठे थे, जबकि कई राज्यों में अभी भी अन्य दलों की सरकारें हैं, इसलिए मोदी को सम्राट नहीं माना जा सकता।

खरगे ने यह भी कहा कि केंद्र की सरकार नीतीश कुमार और चंद्रबाबू नायडू की मदद पर निर्भर है। उन्होंने समारोह में पीएम मोदी की एकाकी उपस्थिति पर सवाल उठाया, जहां उनके आस-पास कोई मंत्री या मुख्यमंत्री नहीं था।


सरदार पटेल और इंदिरा गांधी का योगदान

आयरन मैन और आयरन लेडी

खरगे ने CWC की बैठक में सरदार पटेल की 150वीं जयंती का जिक्र करते हुए कहा कि उनके विचार पार्टी में जीवित हैं। उन्होंने इंदिरा गांधी की शहादत दिवस का भी उल्लेख किया और कहा कि दोनों महापुरुषों का देश के निर्माण में महत्वपूर्ण योगदान रहा है।


आरएसएस पर आरोप

कांग्रेस ने आरएसएस पर बोला हमला

खरगे ने आरएसएस पर आरोप लगाया कि जब भी कांग्रेस उनके बारे में कुछ कहती है, तो उसे घेर लिया जाता है। उन्होंने सरदार पटेल के एक पत्र का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने आरएसएस के बारे में लिखा था कि महात्मा गांधी की हत्या के पीछे संघ का हाथ था।


कांग्रेस का दृष्टिकोण

देश की भलाई के लिए सोचती है कांग्रेस

खरगे ने कहा कि कांग्रेस हमेशा देश के हित में सोचती है और वर्तमान सरकार पर इतिहास को बदलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी सच को झूठ में बदलने में माहिर हैं।


आरएसएस पर प्रतिबंध की मांग

आरएसएस को बैन करना चाहिए

खरगे ने आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की और कहा कि सरदार पटेल ने सरकारी कर्मचारियों को आरएसएस की गतिविधियों में शामिल होने से रोका था। उन्होंने मोदी सरकार पर आरोप लगाया कि उसने 2024 में यह प्रतिबंध हटा दिया, जो सरदार पटेल का अपमान है।