कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का बीजेपी पर तीखा हमला: 'सत्ता चोरी' का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बीजेपी पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि पार्टी ने 'सत्ता चोरी' की साजिश रची है। उन्होंने दिल्ली में एक बैठक के दौरान यह बयान दिया, जिसमें उन्होंने लोकतंत्र पर खतरे और हाल ही में पेश किए गए विधेयकों पर चर्चा की। खड़गे ने राहुल गांधी की 'मतदाता अधिकार यात्रा' का भी जिक्र किया, जिसमें लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। जानें इस मुद्दे पर खड़गे के अन्य महत्वपूर्ण बयानों के बारे में।
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कांग्रेस अध्यक्ष खड़गे का बीजेपी पर तीखा हमला: 'सत्ता चोरी' का आरोप

कांग्रेस अध्यक्ष का बयान


कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने रविवार को केंद्र सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने 'वोट चोरी' के बाद अब 'सत्ता चोरी' की योजना बनाई है। खड़गे ने यह बयान दिल्ली के इंदिरा भवन में हरियाणा और मध्य प्रदेश के नए जिला कांग्रेस कमेटी (DCC) अध्यक्षों की बैठक में दिया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और मंत्रियों को हटाने वाले विधेयक नागरिकों के अधिकारों का हनन करते हैं और यह अधिकार जांच एजेंसियों को सौंप देते हैं।


लोकतंत्र पर खतरा

खड़गे ने कहा कि बीजेपी के ये विधेयक लोकतंत्र पर एक प्रकार का बुलडोजर चलाने के समान हैं। उनका आरोप है कि बीजेपी इन विधेयकों के माध्यम से विपक्षी सरकारों को गिराने और गिरफ्तारी को एक हथियार के रूप में इस्तेमाल कर लोकतंत्र को अस्थिर करना चाहती है। उन्होंने राहुल गांधी के एक हालिया प्रेजेंटेशन का भी जिक्र किया, जिसमें कर्नाटक के महादेवपुरा निर्वाचन क्षेत्र में वोटों की कथित चोरी का विवरण दिया गया था।


संसद में बहस की कमी

खड़गे ने हाल ही में समाप्त हुए संसद के मानसून सत्र पर टिप्पणी करते हुए कहा कि विपक्ष चाहता था कि संसद में महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हो, लेकिन बीजेपी सरकार ने वोटर लिस्ट के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) और 'वोट चोरी' जैसे मामलों पर चर्चा से बचने का प्रयास किया। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी वोटर लिस्ट्स का उपयोग विपक्षी वोटों को कम करने के लिए कर रही है।


मतदाता अधिकार यात्रा

खड़गे ने राहुल गांधी की 'मतदाता अधिकार यात्रा' का भी उल्लेख किया, जिसमें लाखों लोग शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री लोगों को गुमराह करने के लिए घुसपैठियों का मुद्दा उठाते हैं। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने लोकसभा में एक विधेयक पेश किया है, जिसमें गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक गिरफ्तार रहने वाले नेताओं को 31वें दिन अपने पद से हटने का प्रावधान है।


विपक्ष का विरोध

इस विधेयक के खिलाफ विपक्षी सांसदों ने तीखा विरोध किया और लोकसभा में विधेयकों की प्रतियां फाड़ दीं। अब इसे संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के पास जांच के लिए भेजा गया है। खड़गे ने कहा कि बीजेपी ने संसद के अंतिम दिन तीन नए विधेयक पेश किए, जिनमें एक संविधान संशोधन विधेयक भी शामिल है, जबकि उनके पास दो-तिहाई बहुमत नहीं है।


गिरफ्तारी का राजनीतिक उपयोग

खड़गे ने कहा कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ 193 मामलों में से केवल दो में ही ईडी की कार्रवाई से दोषसिद्धि हुई है। कई मुख्यमंत्रियों और मंत्रियों को गिरफ्तार किया गया और महीनों तक जेल में रखा गया, लेकिन अब सीबीआई का कहना है कि उनके पास कोई सबूत नहीं है।