कश्मीर में बारिश ने गर्मी का अंत किया, लेकिन बाढ़ और बादल फटने से तबाही

कश्मीर में मौसम में बदलाव
कश्मीर घाटी में एक महीने तक चलने वाली गर्मी और सूखे के मौसम का अंत हो गया है, जहां सोमवार सुबह से अधिकांश क्षेत्रों में बारिश हो रही है। इस मौसम परिवर्तन ने तापमान को कई डिग्री तक कम कर दिया है, जिससे कश्मीर के लोगों को अत्यधिक गर्मी से राहत मिली है। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में अचानक बादल फटने, भूस्खलन और जलभराव की समस्याएं उत्पन्न हुई हैं।
बादल फटने से बाढ़ की स्थिति
अनंतनाग जिले के मंतिपोरा चटरगुल क्षेत्र में अचानक बादल फटने से बाढ़ आ गई, जिससे कई आवासीय घरों में कीचड़ भरा पानी भर गया। स्थानीय निवासियों ने बताया कि कई घरों को नुकसान पहुंचा है, लेकिन सौभाग्य से कोई जनहानि या चोटें नहीं आई हैं।
भूस्खलन और जलभराव की समस्याएं
दो दिनों तक लगातार बारिश ने आस-पास की नदियों को तेजी से भर दिया, जिससे मलबा और कीचड़ आवासीय क्षेत्रों में गिरने लगा। बडगाम जिले में भी दैनिक जीवन प्रभावित हुआ है, जहां राययार खंसाहिब और कंगरीपोरा जैसे गांवों में गंभीर जलभराव, कच्चे घरों को नुकसान और दुकानों और सड़कों का जलमग्न होना देखा गया।
प्रशासनिक प्रतिक्रिया की कमी
लोगों ने प्रशासनिक प्रतिक्रिया की कमी पर गहरी निराशा व्यक्त की है। कई लोगों का आरोप है कि जिला प्रशासन या स्थानीय प्रतिनिधियों में से कोई भी प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने या सहायता प्रदान करने नहीं आया है। राययार, बडगाम के एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हम बहुत परेशान हैं, पानी हमारे घरों और दुकानों में घुस गया है, और कोई अधिकारी हमारी स्थिति देखने नहीं आया।"
भविष्यवाणी और सावधानियां
निम्न-भूमि क्षेत्रों में स्थिति विशेष रूप से गंभीर है, जहां अपर्याप्त जल निकासी प्रणाली के कारण पानी जमा हो गया है, जिससे संपत्ति को और नुकसान होने का डर है। श्रीनगर के डाउनटाउन क्षेत्र में भी भारी बारिश हुई, जिससे दुकानों और सड़कों का जलमग्न होना देखा गया।
मौसम विभाग के अधिकारियों ने जम्मू और कश्मीर में अगले 48 घंटों में एक नए पश्चिमी विक्षोभ के कारण ठंडे और अस्थिर मौसम की भविष्यवाणी की है। इस मौसम प्रणाली से मध्यम से भारी बारिश होने की संभावना है, जिससे अतिरिक्त बाढ़ और बादल फटने की चिंताएं बढ़ गई हैं।
प्रशासन ने लोगों को, विशेषकर बाढ़ प्रवण क्षेत्रों में रहने वालों को, सतर्क रहने की सलाह दी है। अमरनाथ तीर्थयात्रियों और ट्रेकर्स को मौसम बुलेटिन के साथ अपडेट रहने और बारिश के चरम समय के दौरान अनावश्यक यात्रा से बचने की सलाह दी गई है।