कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ भारत की ठोस प्रतिक्रिया: विदेश मंत्री जयशंकर

कश्मीर में आर्थिक विकास और आतंकवाद का संबंध
पाकिस्तान लंबे समय से चिंतित था कि कश्मीर में स्थिति कैसे सामान्य हो रही है और वहां आर्थिक प्रगति कैसे हो रही है। यदि कश्मीरी युवाओं को रोजगार मिल जाता है, तो आतंकवादियों का समर्थन कौन करेगा? भारतीय सेना पर पत्थरबाजी करने वाले कौन होंगे? धारा 370 के हटने के बाद कश्मीर में आर्थिक विकास तेजी से बढ़ा है, जिससे पाकिस्तान में बेचैनी बढ़ गई है। पहलगाम में हमले के जरिए पाकिस्तान ने कश्मीर की प्रगति को बाधित करने का प्रयास किया।
जयशंकर का बयान
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि पहलगाम में हुआ आतंकवादी हमला एक आर्थिक युद्ध का हिस्सा था, जिसका उद्देश्य कश्मीर में पर्यटन को नष्ट करना था। उन्होंने स्पष्ट किया कि पाकिस्तान की परमाणु 'ब्लैकमेल' की नीति भारत को आतंकवाद के खिलाफ कार्रवाई करने से नहीं रोक सकती। जयशंकर ने सोमवार को कहा कि पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान से प्रेरित कई आतंकवादी हमले हुए हैं और अब देश में यह भावना है कि अब और सहन नहीं किया जाएगा।
आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम
जयशंकर ने मैनहट्टन में एक बातचीत के दौरान कहा कि पहलगाम हमला कश्मीर की अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंचाने के लिए किया गया था। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को दंडित किए बिना नहीं छोड़ा जा सकता। उन्होंने यह भी बताया कि आतंकवादी संगठन पाकिस्तान के बड़े शहरों में सक्रिय हैं और भारत ने 'ऑपरेशन सिंदूर' के तहत उनके ठिकानों को निशाना बनाया है।
क्वाड बैठक में भागीदारी
जयशंकर अमेरिका की आधिकारिक यात्रा पर हैं और 'क्वाड' देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने के लिए वाशिंगटन डीसी जाएंगे। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों को कोई छूट नहीं दी जाएगी और भारत अपने लोगों की सुरक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाएगा।
भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध
जयशंकर ने कहा कि भारत और पाकिस्तान के बीच संबंध द्विपक्षीय होने चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि पाकिस्तान की धमकियों का भारत पर कोई असर नहीं पड़ा है और भारत ने हमेशा अपनी सुरक्षा का जवाब दिया है।