कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग, विपक्ष ने पीएम को लिखा पत्र

राज्यसभा और लोकसभा में विपक्ष के नेताओं ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की है। उन्होंने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने का भी अनुरोध किया। पत्र में यह बताया गया है कि पिछले पांच वर्षों से कश्मीर के लोग इस दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं। विपक्ष ने यह भी कहा कि यह मांग संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर आधारित है। जानें इस पत्र में और क्या कहा गया है।
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कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग, विपक्ष ने पीएम को लिखा पत्र

विपक्ष का पत्र: कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की अपील

राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक संयुक्त पत्र भेजा है, जिसमें उन्होंने सरकार से अनुरोध किया है कि आगामी मानसून सत्र में केंद्र शासित प्रदेश जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए एक विधेयक पेश किया जाए। इसके साथ ही, उन्होंने लद्दाख को संविधान की छठी अनुसूची में शामिल करने के लिए भी विधेयक लाने की मांग की। पत्र में कहा गया है कि पिछले पांच वर्षों से जम्मू और कश्मीर के लोग इस दर्जे की बहाली की मांग कर रहे हैं।


खरगे और गांधी ने अपने पत्र में यह भी उल्लेख किया कि यह मांग न केवल उचित है, बल्कि यह उनके संवैधानिक और लोकतांत्रिक अधिकारों पर भी आधारित है। उन्होंने यह स्पष्ट किया कि अतीत में कई केंद्र शासित प्रदेशों को राज्य का दर्जा दिया गया है, लेकिन जम्मू-कश्मीर का मामला स्वतंत्र भारत में अद्वितीय है। यह पहली बार है जब किसी पूर्ण राज्य को उसके विभाजन के बाद केंद्र शासित प्रदेश में परिवर्तित किया गया है।


पत्र में यह भी कहा गया है कि प्रधानमंत्री मोदी ने कई बार राज्य का दर्जा बहाल करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दोहराया है। उन्होंने 19 मई 2024 को भुवनेश्वर में दिए अपने साक्षात्कार में कहा था, 'राज्य का दर्जा बहाल करना हमारा गंभीर वादा है और हम इस पर कायम हैं।' इसके बाद, 19 सितंबर 2024 को श्रीनगर में एक रैली में उन्होंने फिर से पुष्टि की कि 'हमने संसद में कहा है कि हम इस क्षेत्र का राज्य का दर्जा बहाल करेंगे।'