कर्मचारियों को 2,000 करोड़ बांटकर करोड़पति बनाने वाला मालिक
एक अनोखी कहानी: मालिक और कर्मचारियों का नया रिश्ता
प्रतीकात्मक तस्वीर
कॉर्पोरेट क्षेत्र में कंपनियों की बिक्री की घटनाएं आम हैं, जहां मालिक आमतौर पर धनवान बनते हैं, जबकि कर्मचारियों को अनिश्चितता का सामना करना पड़ता है। लेकिन अमेरिका के लुइसियाना से आई एक कहानी ने मालिक और कर्मचारियों के रिश्ते को एक नई दिशा दी है। फाइबरबॉन्ड के सीईओ ग्राहम वॉकर ने कंपनी बेचने के बाद जो कदम उठाया, वह निश्चित रूप से सराहनीय है।
कर्मचारियों के खातों में करोड़ों की राशि, सब हैरान
वास्तव में, वॉकर ने कंपनी की बिक्री से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा, लगभग 2,000 करोड़ रुपये, अपने कर्मचारियों को देने का निर्णय लिया। जब कर्मचारियों को इस बोनस के बारे में जानकारी मिली, तो कई लोग विश्वास नहीं कर पाए। औसतन, प्रत्येक कर्मचारी को लगभग 3.7 करोड़ रुपये (4 लाख 43 हजार डॉलर) मिले। यह राशि कर्मचारियों को उनकी वफादारी के लिए दी गई, जबकि उनके पास कंपनी में कोई शेयर नहीं था।
कंपनी की बिक्री से पहले की गई थी एक विशेष शर्त
एक रिपोर्ट के अनुसार, फाइबरबॉन्ड को अमेरिकी कंपनी ईटन ने खरीदा है। इस सौदे के दौरान, ग्राहम वॉकर ने एक स्पष्ट शर्त रखी थी कि बिक्री से मिलने वाली राशि उन कर्मचारियों को दी जाए जिन्होंने कंपनी को इस स्तर तक पहुंचाने में योगदान दिया।
वॉकर ने कहा कि यह निर्णय उन लोगों के प्रति सम्मान के रूप में लिया गया, जिन्होंने कंपनी के कठिन समय में भी समर्थन किया। हालांकि, यह राशि एक बार में नहीं दी जाएगी, बल्कि अगले पांच वर्षों में किस्तों में दी जाएगी, बशर्ते कर्मचारी कंपनी से जुड़े रहें।
कर्मचारियों की जिंदगी में आया बदलाव
इस निर्णय ने सैकड़ों परिवारों की किस्मत बदल दी है। एक महिला कर्मचारी, जो 1995 से काम कर रही हैं, ने बताया कि इस बोनस ने उन्हें न केवल अपने घर का कर्ज चुकाने में मदद की, बल्कि उन्होंने अपना खुद का कपड़ों का बुटीक भी खोला। अब कई कर्मचारी सुरक्षित भविष्य की योजना बना रहे हैं।
जब ग्राहम वॉकर से पूछा गया कि कुछ लोग पैसे खर्च कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, “यह उनका पैसा है, वे इसे जैसे चाहें खर्च करें।”
कंपनी की यात्रा: संघर्ष से सफलता तक
फाइबरबॉन्ड की सफलता आसान नहीं थी। इसकी स्थापना 1982 में ग्राहम के पिता ने की थी। कंपनी ने कई उतार-चढ़ाव देखे, जिसमें 1998 में एक भीषण आग भी शामिल थी। लेकिन कंपनी ने कभी भी अपने कर्मचारियों की सैलरी नहीं रोकी।
डॉट-कॉम बबल के दौरान भी कंपनी ने कठिनाइयों का सामना किया, लेकिन ग्राहम और उनके भाई ने कंपनी को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया। अब जब कंपनी बिकी है, तो वॉकर परिवार ने सुनिश्चित किया कि उनके कर्मचारियों को उनकी मेहनत का फल मिले।
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