कर्नाटका में प्रेम त्रिकोण ने ली एक निर्दोष की जान

कर्नाटका के चिकमंगलूर जिले में एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर अपने पति की हत्या की। यह मामला प्यार, धोखे और हत्या की एक दुखद कहानी है। सुब्रमण्य नामक दर्जी की हत्या के पीछे मीनाक्षम्मा और उसके प्रेमी प्रदीप का हाथ था। पुलिस ने जांच के दौरान कई महत्वपूर्ण सुराग जुटाए, जिससे इस जघन्य अपराध का पर्दाफाश हुआ। जानिए इस घटना की पूरी कहानी और इसके पीछे की सच्चाई।
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कर्नाटका में प्रेम त्रिकोण ने ली एक निर्दोष की जान

कर्नाटका में दिल दहला देने वाली हत्या

कर्नाटका से एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। यहां एक पत्नी ने अपने प्रेमी के साथ मिलकर एक ऐसा कृत्य किया है, जिसे जानकर हर कोई हैरान है।


चिकमंगलूर जिले के कदुर में एक 60 वर्षीय दर्जी सुब्रमण्य की हत्या का मामला सामने आया है। उनकी 56 वर्षीय पत्नी मीनाक्षम्मा और 33 वर्षीय प्रेमी प्रदीप ने मिलकर इस हत्या की योजना बनाई। इस वारदात में प्रदीप के दो साथी, सिद्धेश और विश्वास भी शामिल थे। यह कहानी प्यार, धोखे और हत्या की एक दुखद दास्तान है।


कर्नाटका में प्रेम त्रिकोण ने ली एक निर्दोष की जान


सुब्रमण्य एक मेहनती दर्जी थे, जो अपनी छोटी सी दुकान में दिन-रात काम करते थे। उनकी पत्नी मीनाक्षम्मा ने 2 जून को कदुर पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई कि 31 मई को सुब्रमण्य घर से निकले और वापस नहीं लौटे। पुलिस ने तुरंत गुमशुदगी का मामला दर्ज किया और जांच शुरू की। पुलिस ने सुब्रमण्य के फोन की लोकेशन ट्रैक की और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। 3 जून को रेलवे पुलिस ने सूचना दी कि रेलवे ट्रैक पर एक आधा जला हुआ पैर मिला है। मौके पर पहुंचकर पुलिस ने शव के अन्य हिस्सों को बरामद किया।


सीसीटीवी फुटेज से मिली जानकारी


31 मई को सुब्रमण्य को प्रदीप, सिद्धेश और विश्वास के साथ एक कार में चढ़ते देखा गया। पुलिस ने तीनों को हिरासत में लिया और पूछताछ की। पूछताछ में तीनों ने अपना अपराध स्वीकार कर लिया। 8 जून को उन्हें अदालत में पेश किया गया और न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। लेकिन मीनाक्षम्मा की भूमिका अभी तक स्पष्ट नहीं थी।


पुलिस को शुरुआत में मीनाक्षम्मा पर संदेह नहीं हुआ। वह अपने पति की मौत की खबर सुनकर फूट-फूटकर रो रही थी। लेकिन तकनीकी जांच ने सच्चाई को उजागर कर दिया। पुलिस ने मीनाक्षम्मा और प्रदीप के फोन रिकॉर्ड की जांच की। दोनों ने पिछले छह महीनों में एक भी कॉल नहीं की थी, लेकिन मीनाक्षम्मा बार-बार एक नंबर पर कॉल और मैसेज कर रही थी। जांच में पता चला कि वह नंबर प्रदीप की मां के नाम पर था, लेकिन उसे प्रदीप इस्तेमाल करता था।


कर्नाटका में प्रेम त्रिकोण ने ली एक निर्दोष की जान


पुलिस ने खुलासा किया कि चार साल पहले मीनाक्षम्मा और प्रदीप की मुलाकात हुई थी। दोनों दर्जी थे और धीरे-धीरे उनकी दोस्ती प्यार में बदल गई। जब सुब्रमण्य को इस रिश्ते का पता चला, तो उन्होंने इसका विरोध किया। मीनाक्षम्मा ने प्रदीप के साथ मिलकर सुब्रमण्य को रास्ते से हटाने का निर्णय लिया।


31 मई को प्रदीप और उसके दोस्तों ने सुब्रमण्य को उनकी दुकान से कार में बिठाया। वे उन्हें साकरेपटना के पास एक सुनसान जगह पर ले गए। वहां सभी ने मिलकर शराब पी। नशे में धुत प्रदीप ने सुब्रमण्य का गला काट दिया। इसके बाद उन्होंने शव को जलाने की कोशिश की, लेकिन वह पूरी तरह नहीं जल सका। फिर वे शव को छोड़कर फरार हो गए।


मीनाक्षम्मा को भी गिरफ्तार कर लिया गया और सोमवार को उसे अदालत में पेश किया गया। वह अब न्यायिक हिरासत में है। सुब्रमण्य और मीनाक्षम्मा की दो बेटियां हैं, जिनकी शादी हो चुकी है। उनके नाती-पोते भी हैं।