कर्नाटका में छोटे व्यापारियों का जीएसटी नोटिसों के खिलाफ विरोध

कर्नाटका में छोटे व्यापारी जीएसटी नोटिसों के खिलाफ विरोध कर रहे हैं, जिन्हें वे अन्यायपूर्ण मानते हैं। कई व्यापारियों को भारी कर मांगों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है। मुख्यमंत्री ने इस मुद्दे पर चर्चा के लिए अधिकारियों को बुलाया है, जबकि राजनीतिक दल एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। व्यापारी राहत और स्पष्टता की मांग कर रहे हैं, ताकि उन्हें डिजिटल लेनदेन के लिए दंडित न किया जाए।
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कर्नाटका में छोटे व्यापारियों का जीएसटी नोटिसों के खिलाफ विरोध

जीएसटी नोटिसों से परेशान छोटे व्यापारी

कर्नाटका में छोटे व्यापारियों और सड़क विक्रेताओं के बीच बढ़ती नाराजगी देखने को मिल रही है, जो ऑनलाइन लेनदेन से जुड़े जीएसटी नोटिसों को 'अन्यायपूर्ण' और 'निष्क्रिय करने वाला' मानते हैं। राज्य के विभिन्न हिस्सों से चाय की दुकानों, फल विक्रेताओं और छोटे दुकानदारों ने बताया है कि उन्हें पिछले समय के लिए कर मांगने वाले नोटिस मिले हैं, जिनमें से कुछ की राशि 39 लाख रुपये तक है। अधिकारियों ने UPI आधारित लेनदेन को संदिग्ध कर चोरी के रूप में चिह्नित किया है।


व्यापारियों की स्थिति गंभीर

इन व्यापारियों का कहना है कि वे पहले से ही पतले मार्जिन पर काम कर रहे हैं और नकदी की कमी से जूझ रहे हैं। उन्हें लगता है कि ये नोटिस उनकी आय के अनुपात में अत्यधिक हैं और उनके अस्तित्व को खतरे में डाल रहे हैं। इस मुद्दे ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शनों और बंद की मांग को जन्म दिया है। नागरिक और व्यापारी दोनों सरकार से त्वरित हस्तक्षेप की मांग कर रहे हैं।


जीएसटी नोटिसों की प्राप्ति

यह मामला तब सामने आया जब कई व्यापारियों को व्हाट्सएप पर जीएसटी नोटिस मिले, जिसमें उन पर कर प्रणाली के तहत पंजीकरण न कराने का आरोप लगाया गया, जबकि उनका डिजिटल लेनदेन 1 करोड़ रुपये से अधिक था। अधिकांश विक्रेताओं का कहना है कि उन्हें यह नहीं पता था कि UPI रसीदें उनकी बिक्री में शामिल होंगी, खासकर जब वे फल और सब्जियों जैसे गैर-कर योग्य उत्पाद बेच रहे थे।


प्रदर्शन और मांगें

कर्नाटका राज्य कर्मिका परिषद के अध्यक्ष डॉ. रवि शेट्टी बिंदूर ने 25 जुलाई को पूर्ण बंद की मांग की है और बेंगलुरु के फ्रीडम पार्क में एक विरोध प्रदर्शन का आयोजन किया है। उन्होंने कहा, 'यelahanka और नगरभवी के छोटे व्यापारियों को 39 लाख और 33 लाख रुपये के नोटिस मिले हैं,' इसे 'डिजिटल दुःस्वप्न' करार दिया।


सरकार की प्रतिक्रिया

मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने इस समस्या का संज्ञान लिया है और जीएसटी और वाणिज्यिक कर अधिकारियों को चर्चा के लिए बुलाया है। राज्य सरकार ने केंद्र पर गरीब व्यापारियों को निशाना बनाने का आरोप लगाया है।


राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप

इस बीच, बीजेपी ने पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार इस स्थिति के लिए जिम्मेदार है। बीजेपी नेता सी.टी. रवि ने आरोप लगाया कि राज्य जीएसटी का दुरुपयोग कर रहा है। वहीं, KPCC प्रवक्ता एम. लक्ष्मण ने इन आरोपों का खंडन करते हुए कहा कि जीएसटी केंद्र का विषय है।


व्यापारियों की अपील

जैसे-जैसे दोनों सरकारें एक-दूसरे पर आरोप लगाती हैं और विरोध बढ़ता है, कर्नाटका के छोटे विक्रेता स्पष्टता, राहत और एक ऐसे सिस्टम की मांग कर रहे हैं जो उन्हें डिजिटल होने के लिए दंडित न करे।