कर्नाटका के गृह मंत्री ने सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार की दिल्ली यात्रा पर जताई अनिश्चितता

कर्नाटका के गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की दिल्ली यात्रा पर अनिश्चितता व्यक्त की है। उन्होंने बताया कि यह यात्रा संभवतः भगदड़ की त्रासदी के बारे में पार्टी के उच्च नेतृत्व को जानकारी देने के लिए हो सकती है। इस बीच, विपक्ष ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है।
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कर्नाटका के गृह मंत्री ने सीएम सिद्धारमैया और डिप्टी सीएम शिवकुमार की दिल्ली यात्रा पर जताई अनिश्चितता

दिल्ली यात्रा का रहस्य

कर्नाटका के गृह मंत्री जी. परमेश्वरा ने मंगलवार को कहा कि उन्हें नहीं पता कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार दिल्ली क्यों गए हैं। उन्होंने अनुमान लगाया कि यह यात्रा संभवतः पार्टी के उच्च नेतृत्व को भगदड़ की त्रासदी के बारे में जानकारी देने के लिए हो सकती है।


पार्टी नेतृत्व से संपर्क नहीं

परमेश्वरा ने कहा, "मुझे नहीं पता कि वे क्यों गए हैं। वे शायद भगदड़ की त्रासदी के बारे में पार्टी के उच्च नेतृत्व को जानकारी देने गए होंगे। पार्टी के उच्च नेतृत्व ने मुझे नहीं बुलाया। अगर वे मुझे बुलाते हैं, तो मैं भी जाऊंगा।"


बैठक का एजेंडा

सूत्रों के अनुसार, दोनों नेताओं की बैठक में भगदड़ की त्रासदी और जाति जनगणना के मुद्दे पर चर्चा होने की संभावना है। बताया गया है कि मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार आज सुबह 11 बजे दिल्ली के इंदिरा भवन में कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी से मिल सकते हैं।


सरकार की जिम्मेदारी

भगदड़ की त्रासदी पर बात करते हुए मंत्री ने कहा, "कल इस मुद्दे पर एक बैठक हुई थी। हमें अदालत को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी है। हमने बैठक में यह चर्चा की कि सरकार की ओर से क्या जानकारी दी जानी चाहिए।"


विपक्ष की प्रतिक्रिया

कर्नाटका में विपक्ष के नेता आर. अशोक ने कहा, "सीएम और डिप्टी सीएम दिल्ली गए हैं। दिल्ली में लोग (कांग्रेस का उच्च नेतृत्व) भ्रमित हैं। वे कह रहे हैं कि यह क्रिकेट स्टेडियम में हुआ, फिर विधान सौधा में... वे कह रहे हैं कि कल कैबिनेट का विस्तार होगा - वे इसे भगदड़ की घटना से ध्यान भटकाने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं। हमें कांग्रेस की साजिश का शिकार नहीं होना चाहिए। मुख्यमंत्री के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए। अगर उन्होंने कुछ गलत नहीं किया है, तो मामले को सीबीआई को सौंप दें। मृतकों के परिवार कह रहे हैं कि सरकार दोषी है।