कर्नाटक हाईकोर्ट ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ पर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई भगदड़ की स्थिति रिपोर्ट को सार्वजनिक करने का आदेश दिया है। इस घटना में 11 लोगों की जान गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए। अदालत ने राज्य सरकार की गोपनीयता की अपील को खारिज कर दिया। जानें इस मामले में और क्या हुआ और अदालत ने किन अन्य प्रतिवादियों से रिपोर्ट मांगी है।
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कर्नाटक हाईकोर्ट ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम भगदड़ पर रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आदेश दिया

कर्नाटक हाईकोर्ट का आदेश

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार को निर्देश दिया है कि वह 4 जून को एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ की स्थिति रिपोर्ट को सार्वजनिक करे। इस घटना में 11 लोगों की मृत्यु हो गई और 50 से अधिक लोग घायल हुए थे। 


 


यह भगदड़ आईपीएल में आरसीबी की 18 साल बाद जीत के जश्न समारोह के दौरान हुई थी। पहले राज्य सरकार ने अदालत से रिपोर्ट को गोपनीय रखने की अपील की थी, लेकिन अदालत ने 14 जुलाई को स्पष्ट किया कि गोपनीयता का कोई कानूनी आधार नहीं है, यह केवल सरकार का विचार है। 


 


क्रिकइंफो की एक रिपोर्ट के अनुसार, अदालत ने सरकार को अन्य प्रतिवादियों जैसे आरसीबी, कर्नाटक राज्य क्रिकेट संघ और इवेंट पार्टनर डीएनए एंटरटेनमेंट नेटवर्क्स से भी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। फ्रेंचाइजी को एक विस्तृत सीआईडी जांच के परिणामों का भी इंतजार है। आरसीबी के उच्च अधिकारियों और डीएनए के सदस्यों ने पिछले महीने अपनी गवाही दी थी, लेकिन फैसले की तारीख अभी तक सार्वजनिक नहीं की गई है।   


 


1 जुलाई को कैट की दो सदस्यीय पीठ ने एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में भीड़ के संबंध में महत्वपूर्ण टिप्पणी की। ट्रिब्यूनल ने कहा कि 3 जून को आरसीबी द्वारा पहले आईपीएल खिताब जीतने के बाद फ्रेंचाइजी ने अपने सोशल मीडिया चैनलों पर विजय परेड की घोषणा की थी, जिसके कारण स्टेडियम के बाहर लगभग तीन से पांच लाख लोगों की भीड़ जुटी थी।