कर्नाटक सरकार ने भगदड़ के बाद सख्त कानून का प्रस्ताव किया

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुई दुखद भगदड़ के बाद, कर्नाटक सरकार ने सुरक्षा प्रावधानों को सख्त करने के लिए एक नया कानून प्रस्तावित किया है। इस विधेयक में आयोजकों के लिए आपराधिक दायित्व को अनिवार्य किया गया है, और उल्लंघनों को गैर-संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के रूप में वर्गीकृत किया गया है। जानें इस कानून के प्रमुख प्रावधान और इसके संभावित प्रभाव।
 | 
कर्नाटक सरकार ने भगदड़ के बाद सख्त कानून का प्रस्ताव किया

कर्नाटक में भगदड़ के बाद नया कानून

बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में हाल ही में हुई एक दुखद भगदड़ में 11 लोगों की जान चली गई और 56 अन्य घायल हुए। इस घटना के बाद, कर्नाटक सरकार ने भीड़ प्रबंधन के नियमों को सख्त करने के लिए एक नया कानून पेश करने का निर्णय लिया है। राज्य मंत्रिमंडल ने इस मसौदा विधेयक पर चर्चा की है, और इसे विधानसभा के आगामी मानसून सत्र में पेश करने की योजना है।


इस प्रस्तावित कानून में आयोजकों के लिए सुरक्षा और भीड़ नियंत्रण मानदंडों का पालन न करने पर आपराधिक दायित्व को अनिवार्य किया गया है।


विधेयक के प्रमुख प्रावधानों में शामिल हैं:


3 साल तक की कैद


50,000 रुपये से लेकर 5 लाख रुपये तक का जुर्माना


उल्लंघनों को गैर-संज्ञेय और गैर-जमानती अपराधों के रूप में वर्गीकृत करना


मसौदे के अनुसार, जो आयोजक पुलिस से पूर्व अनुमति नहीं लेंगे, भीड़ को प्रबंधित करने में असफल रहेंगे, या किसी घटना की स्थिति में मुआवज़ा देने में लापरवाही बरतेंगे, उन्हें कड़े कानूनी परिणामों का सामना करना पड़ेगा।