कर्नाटक सरकार ने आरसीबी और बीसीसीआई को भगदड़ के लिए जिम्मेदार ठहराया
कर्नाटक सरकार ने बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ के लिए बीसीसीआई और आरसीबी को जिम्मेदार ठहराया है। इस घटना में 11 लोगों की मौत हुई थी। सरकार ने अदालत में कहा कि आयोजकों ने बिना अनुमति के कार्यक्रम आयोजित किया और सोशल मीडिया पर लोगों को आमंत्रित किया। जानें इस मामले की पूरी जानकारी और अदालत की सुनवाई के बारे में।
Jun 11, 2025, 14:29 IST
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आरसीबी के जश्न में मची भगदड़ का मामला
4 जून को बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम में आरसीबी की जीत के जश्न के दौरान हुई भगदड़ के मामले में कर्नाटक सरकार ने महत्वपूर्ण बयान दिया है। अदालत में सुनवाई के दौरान, सरकार ने बीसीसीआई और आरसीबी को इस घटना का मुख्य जिम्मेदार ठहराया।
कर्नाटक सरकार ने बुधवार को स्पष्ट किया कि बेंगलुरु के एम चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई भगदड़ के लिए आरसीबी और बीसीसीआई सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं। इस घटना में 11 लोगों की जान गई थी। सरकार ने उच्च न्यायालय में बताया कि इस आयोजन के लिए कोई अनुमति नहीं ली गई थी और आयोजकों ने सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों को आमंत्रित किया था।
यह जानकारी तब सामने आई जब अदालत में चार व्यक्तियों की याचिका पर सुनवाई हो रही थी, जिनमें आरसीबी के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसाले भी शामिल थे। इन लोगों ने अपनी गिरफ्तारी को चुनौती दी है। मामले की सुनवाई उच्च न्यायालय के न्यायाधीश एस आर कृष्ण कुमार की एकल पीठ द्वारा की जा रही है।
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए एडवोकेट जनरल शशि किरण शेट्टी ने अदालत में कहा कि आरसीबी ने 29 मई को पंजाब के खिलाफ मैच जीतने के बाद यह जान लिया था कि वे फाइनल में पहुंच चुके हैं। इसके बावजूद, उन्होंने ना तो जीत के जुलूस के लिए अनुमति मांगी और ना ही स्टेडियम में जश्न मनाने के लिए।
शेट्टी ने आगे बताया कि 3 जून को मैच शुरू होने से एक घंटे पहले आयोजकों ने प्रशासन को एक पत्र दिया, जिसमें उन्होंने विक्ट्री परेड आयोजित करने की सूचना दी। इसका मतलब था कि वे अनुमति नहीं मांग रहे थे, बल्कि अपने कार्यक्रम की जानकारी दे रहे थे।
हालांकि, आरसीबी ने 3 जून की रात 11:30 बजे से लेकर 4 जून की सुबह तक सोशल मीडिया पर कई पोस्ट किए, जिनमें फैंस को विक्ट्री परेड और सेलिब्रेशन में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था।
एडवोकेट जनरल ने अदालत में कहा कि ऐसा प्रतीत होता था जैसे उन्होंने पूरी दुनिया को बुला लिया हो। उन्होंने बताया कि स्टेडियम के बाहर लगभग 3.5 से 4 लाख लोग इकट्ठा हो गए, जबकि स्टेडियम की क्षमता केवल 33,000 थी। उन्होंने यह भी कहा कि आयोजकों ने कभी यह स्पष्ट नहीं किया कि किसे अंदर आने दिया जाएगा। उनकी सोशल मीडिया पोस्ट में केवल इतना लिखा था कि सभी फैंस आएं और टीम का समर्थन करें।
सरकार ने अदालत को बताया कि आरसीबी और बीसीसीआई के बीच गेट प्रबंधन, टिकटिंग और सुरक्षा के संबंध में एक समझौता हुआ था, जिसके अनुसार भीड़ को संभालने की पूरी जिम्मेदारी फ्रेंचाइजी और क्रिकेट बोर्ड की थी। पहले कहा गया था कि इस इवेंट के लिए DNA एंटरटेनमेंट कंपनी और KSCA के साथ मिलकर तीन पक्षों का समझौता हुआ था, लेकिन अदालत में इसे गलत बताया गया और सुधार किया गया।