कर्नाटक सरकार नफरती भाषण और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर कानून बनाने पर विचार कर रही है

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने हाल ही में नफरती भाषणों और ऑनलाइन सट्टेबाजी के खिलाफ कानून बनाने की योजना की घोषणा की है। उन्होंने कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों। यह बयान हाल की सांप्रदायिक हत्याओं के संदर्भ में आया है। जानें इस मुद्दे पर और क्या कहा गया है और सरकार की क्या योजनाएं हैं।
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कर्नाटक सरकार नफरती भाषण और ऑनलाइन सट्टेबाजी पर कानून बनाने पर विचार कर रही है

मुख्यमंत्री सिद्धरमैया का बयान

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने शनिवार को जानकारी दी कि उनकी सरकार नफरती भाषणों के खिलाफ एक कानून बनाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इसके साथ ही, ऑनलाइन सट्टेबाजी पर भी कानून बनाने की चर्चा चल रही है।


यह बयान उन्होंने सभी जिलों के उपायुक्तों और जिला पंचायतों के सीईओ के साथ दो दिवसीय समीक्षा बैठक के समापन पर दिया। सिद्धरमैया ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति नफरत फैलाने वाला भाषण देता है, तो उसके खिलाफ उचित कार्रवाई की जानी चाहिए। हम इस दिशा में कानून लाने का प्रयास करेंगे।


मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि नफरत फैलाने वाले भाषण देने वालों के खिलाफ कठोर कदम उठाए जाने चाहिए, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों न हों। ऐसे मामलों में आपराधिक कार्रवाई की जानी चाहिए।


सिद्धरमैया का यह बयान हाल ही में दक्षिण कन्नड़ जिले में हुई सांप्रदायिक हत्याओं के संदर्भ में आया है। ऑनलाइन सट्टेबाजी के मुद्दे पर, उन्होंने बताया कि कानून मंत्री एच. के. पाटिल और आईटी/बीटी मंत्री प्रियांक खरगे इस विषय पर चर्चा कर रहे हैं कि क्या कानून की आवश्यकता है।


उन्होंने कहा कि चर्चा के बाद जो सुझाव दिए जाएंगे, उनके आधार पर आवश्यक कदम उठाए जाएंगे। उन्होंने यह भी बताया कि युवा वर्ग क्रिकेट सट्टेबाजी का शिकार हो रहा है और जिलों में जुआ जैसी गतिविधियों पर सख्ती से नियंत्रण किया जाना चाहिए।