कर्नाटक विधायक ने शीतकालीन सत्र में भत्ते से किया इनकार
कर्नाटक के विधायक का अनोखा निर्णय
कर्नाटक के यादगीर जिले के गुरमित्कल से जेडी(S) विधायक शरणगौड़ा कंडकुर ने उत्तर कर्नाटक में विकास की कमी को देखते हुए आगामी विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान कोई भत्ता स्वीकार नहीं करने का निर्णय लिया है।
उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को एक पत्र में बताया कि वे सरकारी सुविधाओं का उपयोग करने के बजाय अपने भोजन और आवश्यक सामान खुद लाना चाहेंगे।
कंडकुर ने कहा कि उत्तर कर्नाटक के मुद्दों पर चर्चा के लिए आयोजित सत्रों पर लगभग 25-30 करोड़ रुपये खर्च किए गए, लेकिन इस क्षेत्र को कोई ठोस लाभ नहीं मिला है।
सरकारी प्रस्तावों की आलोचना
उन्होंने आरोप लगाया कि पिछले सत्र में पारित प्रस्तावों को जनता तक नहीं पहुँचाया गया और इस प्रक्रिया की आलोचना करते हुए इसे "दो सप्ताह का भ्रमण" बताया, जिसका कोई ठोस परिणाम नहीं निकला।
कंडकुर ने यह भी कहा कि उत्तरी कर्नाटक में बाढ़ के कारण फसलें गंवाने वाले किसानों को मुआवज़ा नहीं मिला है।
उन्होंने विधायकों को अनुदान और नए कार्यों की मंजूरी की उम्मीद जताई थी, लेकिन वे केवल "बिना किसी नतीजे के अनुरोध" करते रहे।
सरकारी भत्ते का त्याग
कंडकुर ने कहा कि कार्रवाई न होने के कारण उन्होंने अप्रभावी शासन के विरोध में सरकारी भत्ते छोड़ने का निर्णय लिया है।
