कर्नाटक में रोजगार गारंटी विधेयक के खिलाफ सामूहिक आंदोलन की तैयारी
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे का बयान
कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने घोषणा की है कि विकसित भारत गारंटी रोजगार एवं आजीविका मिशन (ग्रामीण) (वीबी-जी आरएएम जी) अधिनियम के खिलाफ एक व्यापक अभियान चलाया जाएगा। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह विधेयक महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (एमजीएनआरईजीए) को कमजोर करता है और सामाजिक न्याय की नींव को हानि पहुँचाता है। खरगे ने X पर साझा किया, "दिल्ली में ग्रामीण विकास और रोजगार गारंटी विभाग ने 80 से अधिक प्रतिभागियों के साथ एक महत्वपूर्ण गोलमेज सम्मेलन का आयोजन किया, जिसमें नागरिक अधिकार समूह, अर्थशास्त्री, प्रोफेसर, समाजशास्त्री, वकील, पूर्व न्यायाधीश, गैर सरकारी संगठन और एमजीएनआरईजीए कार्यकर्ता शामिल थे।"
गोलमेज सम्मेलन के निर्णय
खरगे ने आगे कहा कि हम वीबी-ग्राम जी विधेयक और ग्रामीण आजीविका पर इसके प्रभाव का विरोध करने के लिए एकजुट हुए हैं। उन्होंने एमजीएनआरईजीए के महत्व को रेखांकित करते हुए कहा कि यह एक ऐसी गारंटी है जिसने ग्रामीण परिवारों को आत्मविश्वास, सम्मान और स्थिरता प्रदान की। इसे कमजोर करना सामाजिक न्याय पर हमला है। गोलमेज सम्मेलन में लिए गए निर्णयों की जानकारी देते हुए उन्होंने कहा, "हमने तत्काल कार्रवाई पर सहमति जताई। हम कानून को स्पष्ट रूप से समझाने, बदलावों का विश्लेषण करने और केंद्र सरकार द्वारा फैलाए जा रहे भ्रामक दावों का खंडन करने पर ध्यान केंद्रित करेंगे।"
कानूनी लड़ाई की तैयारी
उन्होंने यह भी कहा कि हम इस मुद्दे को कानूनी रूप से आगे बढ़ाएंगे, संवैधानिक उल्लंघनों की जांच करेंगे और अदालतों में चुनौतियों की तैयारी करेंगे। खरगे ने कहा कि यह लड़ाई गांवों से लेकर न्याय व्यवस्था तक हर स्तर पर होगी। उनका उद्देश्य स्पष्ट है: इस विधेयक को रद्द किया जाना चाहिए। इसके अलावा कोई विकल्प नहीं है। इस बीच, किसान मजदूर संघर्ष समिति (केएमएससी) के नेता सतनाम सिंह पन्नू ने आरोप लगाया कि एमजीएनआरईजीए को कमजोर किया जा रहा है और इसे ग्रामीण और श्रमिक वर्ग के परिवारों के लिए आजीविका सुरक्षा सुनिश्चित करने के अपने मूल उद्देश्य से भटकाया जा रहा है।
जॉब कार्ड की स्थिति
पन्नू ने बताया कि देशभर में इस योजना के तहत लगभग 26 करोड़ जॉब कार्ड जारी किए गए हैं, जिनमें से लगभग 12 करोड़ लाभार्थियों को रोजगार मिला है। अकेले पंजाब में लगभग 20 लाख जॉब कार्ड जारी किए गए हैं और लगभग 11 लाख श्रमिकों को एमजीएनआरईजीए के तहत काम मिल रहा है।
