कर्नाटक में भगदड़ पर भाजपा का विरोध, सीएम और डिप्टी सीएम से इस्तीफे की मांग
कर्नाटक में चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ में 11 लोगों की मौत के बाद भाजपा ने फ्रीडम पार्क में शोक सभा का आयोजन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की गई। भाजपा नेताओं ने सरकार पर आरोप लगाया कि उसने इस घटना में अपनी जिम्मेदारी नहीं ली। विपक्ष के नेता आर. अशोक ने भी आपातकालीन सत्र बुलाने की मांग की है। जानें इस घटना के पीछे की पूरी कहानी और भाजपा का विरोध प्रदर्शन।
Jun 17, 2025, 12:53 IST
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कर्नाटक में शोक सभा और विरोध प्रदर्शन
कर्नाटक में भाजपा ने चिन्नास्वामी स्टेडियम के निकट हुई भगदड़ में हुई मौतों के प्रति शोक सभा का आयोजन फ्रीडम पार्क में किया। इस दौरान मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के इस्तीफे की मांग की गई। पुलिस ने इस शोक सभा और विरोध प्रदर्शन में शामिल भाजपा कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया। भाजपा के विधान परिषद नेता चालावाडी नारायणस्वामी ने कहा कि आरसीबी ने आईपीएल मैच जीता और लोग इसका आनंद ले रहे थे, लेकिन सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं था। उन्होंने कहा कि यह जश्न विधान सौधा में नहीं, बल्कि चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास होना चाहिए था।
सरकार की जिम्मेदारी पर सवाल
भाजपा नेता ने आरोप लगाया कि सरकार ने श्रेय लेने के लिए गड़बड़ी की, जिसके परिणामस्वरूप 11 लोगों की जान गई, फिर भी सरकार ने अपनी गलती स्वीकार नहीं की। उन्होंने कहा कि यदि सीएम और डिप्टी सीएम इस्तीफा नहीं देते हैं, तो विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा। आर. अशोक, जो कर्नाटक विधानसभा में विपक्ष के नेता हैं, ने भी मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर राज्य विधानमंडल का तीन दिवसीय आपातकालीन सत्र बुलाने का अनुरोध किया है। उनका कहना है कि इसका उद्देश्य त्रासदी के कारणों और सार्वजनिक सुरक्षा को मजबूत करने की आवश्यकता पर चर्चा करना है।
भीड़ नियंत्रण में चूक पर चिंता
अशोक ने पत्र में प्रशासन की भीड़ नियंत्रण में चूक और स्थिति को ठीक से संभालने में विफलता पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा, "घटना के बाद सरकार की कार्रवाई को लेकर लोगों में चिंता और अविश्वास बढ़ रहा है। पारदर्शिता के बजाय, प्रभावशाली लोगों को बचाने और निचले स्तर के अधिकारियों को बलि का बकरा बनाने का प्रयास किया जा रहा है।" उन्होंने भगदड़ की घटना की बार-बार जांच की आलोचना की और इसे जवाबदेही को धुंधला करने की रणनीति बताया।