कर्नाटक में बाघों की अप्राकृतिक मौत: दो वन अधिकारियों का निलंबन

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने माले महादेश्वर पहाड़ियों में पांच बाघों की अप्राकृतिक मौत के मामले में लापरवाही के लिए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इस घटना के बाद उप वन संरक्षक वाई चक्रपाणि के खिलाफ भी कार्रवाई की गई है। मंत्री ने उच्च स्तरीय जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट के आधार पर यह निर्णय लिया। जानें इस मामले में और क्या हुआ और मंत्री ने क्या निर्देश दिए हैं।
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कर्नाटक में बाघों की अप्राकृतिक मौत: दो वन अधिकारियों का निलंबन

बाघों की मौत पर कार्रवाई

कर्नाटक के वन मंत्री ईश्वर खांडरे ने माले महादेश्वर पहाड़ियों में पांच बाघों की अप्राकृतिक मौत के मामले में लापरवाही के लिए दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। यह जानकारी अधिकारियों ने साझा की।


मंत्री ने उप वन संरक्षक (डीसीएफ) वाई चक्रपाणि के निलंबन की सिफारिश भी की है। 26 जून को एमएम हिल्स के हुग्याम रेंज में एक मादा बाघिन और उसके चार शावक मृत पाए गए थे।


खांडरे ने चक्रपाणि के आचरण की विभागीय जांच कराने की सिफारिश की है। इस घटना के बाद तीन व्यक्तियों को गिरफ्तार किया गया था।


मंत्री का यह निर्णय अतिरिक्त प्रधान मुख्य वन संरक्षक (एपीसीसीएफ) कुमार पुष्कर की अध्यक्षता में बनी उच्च स्तरीय जांच समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट की समीक्षा के बाद लिया गया।


इस समिति का गठन घटना की जांच के लिए किया गया था। मंत्री ने समिति को 10 जुलाई तक अपनी अंतिम रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया है।


खांडरे के कार्यालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि बाघों की अप्राकृतिक मौत के मामले में अधिकारियों की लापरवाही के स्पष्ट प्रमाण हैं, जिसके आधार पर डीसीएफ वाई चक्रपाणि के निलंबन की सिफारिश की गई है।


बयान में यह भी उल्लेख किया गया है कि सहायक वन संरक्षक गजानन हेगड़े और संबंधित क्षेत्र के रेंज वन अधिकारी मदेश को भी निलंबित किया गया है, क्योंकि वे गश्ती कर्मचारियों की निगरानी में असफल रहे और वन संरक्षण के अपने कर्तव्यों का पालन नहीं कर सके।