कर्नाटक में धर्मस्थल की खुदाई अस्थायी रूप से रोकी गई
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधानसभा में बताया कि धर्मस्थल में खुदाई का कार्य अस्थायी रूप से रोक दिया गया है। यह निर्णय विशेष जांच दल (एसआईटी) द्वारा फोरेंसिक रिपोर्ट की प्रतीक्षा के बाद लिया गया है। मंत्री ने बताया कि यदि रासायनिक विश्लेषण में मानव डीएनए के अंश पाए जाते हैं, तो जांच की दिशा बदल सकती है। इसके अलावा, एक शिकायतकर्ता ने जबरन दफनाने और धमकियों का आरोप लगाया है। केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि एसआईटी का गठन केवल फोटो खिंचवाने के लिए किया गया।
Aug 18, 2025, 19:36 IST
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धर्मस्थल में खुदाई का अस्थायी निलंबन
कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने विधानसभा में जानकारी दी कि विशेष जांच दल (एसआईटी) ने फोरेंसिक रिपोर्ट आने तक धर्मस्थल में खुदाई और उत्खनन का कार्य अस्थायी रूप से रोकने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि घटनास्थल पर रासायनिक विश्लेषण और संभावित मानव डीएनए के निशानों की पहचान के लिए फोरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मंत्री ने कहा कि एसआईटी ने रिपोर्ट आने तक खुदाई को रोकने का निर्णय लिया है, और यह निलंबन अस्थायी है। यदि रासायनिक विश्लेषण में मानव डीएनए के अंश पाए जाते हैं, तो जांच की दिशा बदल सकती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह निर्णय एसआईटी का है, न कि सरकार का।
धमकियों और जबरन दफनाने की शिकायत
परमेश्वर ने एक शिकायतकर्ता के खिलाफ कथित जबरन दफनाने और धमकियों के मामले पर भी चर्चा की। उन्होंने बताया कि एक व्यक्ति ने धर्मस्थल पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई है कि उसे जान से मारने की धमकियाँ मिली हैं और उसे शव दफनाने के लिए मजबूर किया गया। मंत्री ने कहा कि इस व्यक्ति ने अपराधबोध के कारण शिकायत की थी। उन्होंने यह भी बताया कि यौन उत्पीड़न के शिकार कई पुरुषों और महिलाओं को दफनाया गया है। इसके बाद, महिला आयोग की अध्यक्ष ने जांच की मांग करते हुए एक पत्र लिखा। मंत्री ने कहा कि इसके बाद उन्होंने मुख्यमंत्री सिद्धारमैया से चर्चा की और आगे की जांच के लिए एक विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन किया।
केंद्रीय मंत्री की आलोचना
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कर्नाटक सरकार के मामले को संभालने के तरीके की आलोचना की। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन केवल फोटो खिंचवाने के लिए किया, बिना इसके परिणामों पर विचार किए। जोशी ने सुझाव दिया कि सरकार को शिकायतकर्ता की पृष्ठभूमि की सामान्य जांच करनी चाहिए थी और यदि उसके दावे सही होते, तो पूरी जांच की जानी चाहिए थी। उन्होंने कहा, "आनन-फानन में एसआईटी का गठन किया गया, मानो सरकार किसी मौके का इंतज़ार कर रही हो। इससे यह स्पष्ट होता है कि कांग्रेस सरकार की मानसिकता अति वामपंथी है।"