कर्नाटक में जातिगत गणना की प्रक्रिया को लेकर उपमुख्यमंत्री का आश्वासन

जातिगत गणना की समयसीमा का निर्धारण
कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार ने मंगलवार को जानकारी दी कि राज्य सरकार 90 दिनों के भीतर जातिगत गणना कराने की योजना बना रही है। उन्होंने इस प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने का आश्वासन दिया, जिससे समाज के सभी वर्गों के हितों की रक्षा हो सके।
बैठक के बाद लिया गया निर्णय
यह घोषणा कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी नेता राहुल गांधी के साथ एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद की गई। इस बैठक में मुख्यमंत्री सिद्धरमैया भी उपस्थित थे।
समुदायों की चिंताओं का समाधान
सिद्धरमैया ने संवाददाताओं से कहा कि कई मंत्रियों और समुदायों ने अपनी चिंताओं को व्यक्त किया है, जिसे ध्यान में रखते हुए पार्टी ने जातिगत गणना कराने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण को 90 दिनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
पारदर्शिता और सहयोग की अपील
शिवकुमार ने जोर दिया कि जनगणना सभी समुदायों के सहयोग से पारदर्शी तरीके से की जाएगी। उन्होंने कहा कि मंत्रिमंडल सर्वेक्षण की तारीख और समयसीमा तय करेगा, और मुख्यमंत्री इसकी घोषणा करेंगे।
ऑनलाइन विवरण देने का अवसर
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि कर्नाटक से बाहर रहने वाले लोगों को ऑनलाइन माध्यम से अपनी जानकारी देने का अवसर मिलेगा। उन्होंने सभी समुदायों और संगठनों से सर्वेक्षण में सहयोग करने की अपील की।
सरकार की प्रतिबद्धता
शिवकुमार ने कहा कि सरकार का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों की सुरक्षा करना है, और आरक्षण संबंधी निर्णय जनगणना के परिणामों पर आधारित होंगे।