कर्नाटक में कोविड टीकों पर विवाद: भाजपा अध्यक्ष की मुख्यमंत्री पर तीखी प्रतिक्रिया

कर्नाटक भाजपा अध्यक्ष का बयान
कर्नाटक भाजपा के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने हासन जिले में दिल के दौरे से होने वाली मौतों में अचानक वृद्धि को कोविड टीकों से जोड़ने के लिए मुख्यमंत्री सिद्धारमैया की आलोचना की। विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री के इस बयान को "निराधार और बेकार" करार देते हुए उन पर बिना सबूत के भय फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने सवाल उठाया कि क्या वैक्सीन केवल हासन में ही दी जाती है, जबकि 80 करोड़ से अधिक लोगों ने इसे लिया है। उन्होंने यह भी कहा कि पिछले एक दशक में कई लोग दिल के दौरे से मर चुके हैं और अध्ययनों ने यह स्पष्ट किया है कि यह टीकों के कारण नहीं है। विजयेंद्र ने मुख्यमंत्री से ऐसे बेकार के बयान देना बंद करने की अपील की।
विपक्ष के नेता का बयान
विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने भी सोशल मीडिया पर सिद्धारमैया पर हमला किया और कांग्रेस सरकार पर जवाबदेही लेने के बजाय दोषारोपण करने का आरोप लगाया। अशोक ने एक्स पर लिखा कि शोक में डूबे परिवारों को जवाब देने के बजाय, सीएम सिद्धारमैया खतरनाक और गैर-जिम्मेदाराना बयान दे रहे हैं, बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के वैश्विक स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा स्वीकृत कोविड टीकों को दोषी ठहरा रहे हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय का स्पष्टीकरण
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि देश में कई एजेंसियों के माध्यम से अचानक और अस्पष्ट कारणों से मौतों की जांच की गई है। इन अध्ययनों से यह स्पष्ट हुआ है कि कोविड-19 टीकाकरण और अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। मंत्रालय ने बताया कि आईसीएमआर और राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र (एनसीडीसी) द्वारा किए गए अध्ययनों से पुष्टि होती है कि भारत में कोविड-19 टीके सुरक्षित और प्रभावी हैं, और इनके गंभीर दुष्प्रभावों की घटनाएं बहुत कम हैं। मंत्रालय ने यह भी कहा कि अचानक हृदयाघात के पीछे आनुवांशिक कारण, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियां और कोविड के बाद की जटिलताएं जैसे कई कारक हो सकते हैं। आईसीएमआर और एनसीडीसी विशेष रूप से 18 से 45 वर्ष के वयस्कों में अचानक और अस्पष्ट कारणों से मौतों की वजहों को समझने के लिए मिलकर काम कर रहे हैं।