कर्नाटक में केबल-स्टेड पुल का उद्घाटन, मुख्यमंत्री ने किया बहिष्कार

शरावती नदी पर पुल का उद्घाटन
केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 14 जुलाई को कर्नाटक के शिवमोग्गा जिले के सागर तालुक में शरावती नदी के बैकवाटर पर एक केबल-स्टेड पुल का उद्घाटन किया। यह पुल सागर तालुक के करुरु और बरंगी होबली गांवों के निवासियों की एक पुरानी इच्छा को पूरा करता है। ग्रामीणों ने पुल को आम के पत्तों से सजाकर उत्सव का माहौल बनाया। इस अवसर पर केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रल्हाद जोशी, पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, पूर्व मंत्री कागोडु थिम्मप्पा, शिवमोग्गा के सांसद बी.वाई. राघवेंद्र और अन्य निर्वाचित प्रतिनिधि भी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री का बहिष्कार
सिद्धारमैया ने उद्घाटन समारोह से दूरी बनाई
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया और उनके मंत्रिमंडल के सहयोगियों ने इस कार्यक्रम का बहिष्कार किया, यह कहते हुए कि उन्हें आमंत्रित नहीं किया गया था। सिद्धारमैया ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर केंद्र पर प्रोटोकॉल के उल्लंघन का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्रालय ने राज्य सरकार से बिना परामर्श किए कार्यक्रम आयोजित किया और बिना पूर्व सूचना के निमंत्रण पत्र पर उनका नाम अंकित किया गया था।
गडकरी का जवाब
सिद्धारमैया को निमंत्रण दिया गया था
गडकरी ने सोशल मीडिया पर कहा कि सिद्धारमैया को 11 जुलाई को कार्यक्रम की अध्यक्षता के लिए आधिकारिक निमंत्रण भेजा गया था। इसके बाद, 12 जुलाई को एक और पत्र भेजा गया जिसमें उनकी डिजिटल उपस्थिति का अनुरोध किया गया था।
राज्य सरकार का विरोध
मुख्यमंत्री का बयान
सिद्धारमैया ने कहा कि उन्होंने गडकरी से फोन पर बात की और उन्हें बताया कि वे कार्यक्रम में भाग नहीं लेंगे। उन्होंने कहा कि यह सब भाजपा नेताओं के दबाव के कारण हो रहा है।
भाजपा नेताओं की प्रतिक्रिया
येदियुरप्पा और अन्य का समर्थन
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी और वरिष्ठ भाजपा नेता बी.एस. येदियुरप्पा भी शामिल हुए। सांसद राघवेंद्र ने कहा कि उन्होंने मुख्यमंत्री को पुल के उद्घाटन के लिए आमंत्रित किया था और यह उचित नहीं है कि मुख्यमंत्री इसे सार्वजनिक रूप से विवादित कर रहे हैं।
पुल का महत्व
अधिकारियों के अनुसार, इस पुल का निर्माण 472 करोड़ रुपये की लागत से हुआ है, जो सागरा से सिगंदूर के आसपास के गांवों की दूरी को कम करेगा। मुख्यमंत्री ने गडकरी को पत्र लिखकर कहा कि इस तरह के कार्यक्रम की योजना बनाने से पहले राज्य सरकार से परामर्श करना उचित होता।