कर्नाटक भाजपा ने घृणा भाषण रोकथाम विधेयक के खिलाफ ज्ञापन सौंपा
भाजपा का विरोध ज्ञापन
कर्नाटक भाजपा ने मंगलवार को बेंगलुरु के जिला आयुक्त को ज्ञापन सौंपा, जिसमें उन्होंने कर्नाटक घृणा भाषण और घृणा अपराध रोकथाम विधेयक, 2025 का विरोध किया। भाजपा का आरोप है कि यह विधेयक संवैधानिक अधिकारों का उल्लंघन करता है और कांग्रेस सरकार की आलोचना को दबाने के लिए बनाया गया है।
ज्ञापन में उठाए गए मुद्दे
भाजपा के जिला अध्यक्ष एस हरीश (बेंगलुरु उत्तर), सप्तगिरि गौड़ा (बेंगलुरु मध्य) और विधायक सीके राममूर्ति ने यह ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि यह प्रस्तावित विधेयक भारत के संविधान के खिलाफ है और इसे लागू नहीं किया जाना चाहिए।
भाजपा का तर्क
भाजपा नेताओं ने कहा कि यह विधेयक संविधान के अनुच्छेद 19(1) के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का उल्लंघन करता है। उन्होंने कांग्रेस सरकार पर डॉ. बीआर अंबेडकर द्वारा प्रदत्त अभिव्यक्ति को सीमित करने का आरोप लगाया।
विधेयक की आलोचना
भाजपा ने विधेयक को "सरकार के खिलाफ बोलने वालों को चुप कराने का एक उपकरण" बताया। पार्टी का कहना है कि मसौदा कानून में घृणा भाषण की परिभाषा अस्पष्ट है, जिससे सरकारी नीतियों की आलोचना, सामाजिक चर्चाओं और व्यंग्य को भी घृणा भाषण माना जा सकता है।
सामाजिक आंदोलनों पर प्रभाव
भाजपा ने गैर-जमानती प्रावधानों का हवाला देते हुए सवाल उठाया कि क्या ऐसे कानून की आवश्यकता है जो आम नागरिकों को अपराधी बना दे। पार्टी ने कहा कि यह विधेयक विरोध प्रदर्शनों और सामाजिक आंदोलनों को दबाने का इरादा रखता है, जिससे कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को गंभीर उत्पीड़न का सामना करना पड़ सकता है।
