कर्नाटक के रेल बजट में अभूतपूर्व वृद्धि, 2014 से 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंचा

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कर्नाटक के रेल बजट में अभूतपूर्व वृद्धि की घोषणा की है, जो 2014 में 835 करोड़ रुपये से बढ़कर 7,500 करोड़ रुपये हो गया है। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में राज्य में कई विकास परियोजनाएं चल रही हैं। इसके अलावा, भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी पिछले 11 वर्षों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। जानें इस विकास के पीछे की कहानी और कैसे बेंगलुरु एक प्रमुख आईफ़ोन निर्माण केंद्र बन रहा है।
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कर्नाटक के रेल बजट में अभूतपूर्व वृद्धि, 2014 से 7,500 करोड़ रुपये तक पहुंचा

कर्नाटक के रेल बजट में वृद्धि

केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने रविवार को जानकारी दी कि कर्नाटक का रेल बजट 2014 में 835 करोड़ रुपये से बढ़कर अब 7,500 करोड़ रुपये हो गया है।


प्रधानमंत्री मोदी द्वारा बेंगलुरु मेट्रो की ‘येलो लाइन’ का उद्घाटन करने के बाद वैष्णव ने कहा, "कर्नाटक जैसे महत्वपूर्ण राज्य को 2014 से पहले केवल 835 करोड़ रुपये मिलते थे, लेकिन अब मोदी के नेतृत्व में यह राशि 7,500 करोड़ रुपये हो गई है। इसके अलावा, राज्य में 54,000 करोड़ रुपये की परियोजनाएं भी चल रही हैं। हम अमृत भारत योजना के तहत 61 स्टेशनों का पुनर्विकास कर रहे हैं।"


अमृत भारत स्टेशन योजना

पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) के अनुसार, अमृत भारत स्टेशन योजना रेलवे स्टेशनों के उन्नयन के लिए एक दीर्घकालिक योजना है, जिसमें हर स्टेशन के विकास की आवश्यकता के अनुसार योजना बनाई गई है।


वैष्णव ने बताया कि भारत के इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में पिछले 11 वर्षों में अभूतपूर्व वृद्धि हुई है।


इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन में वृद्धि

उन्होंने कहा, "पिछले 11 वर्षों में हमारा इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन छह गुना बढ़कर 12 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच गया है।"


इसके साथ ही, इस अवधि में निर्यात भी आठ गुना बढ़कर तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है।


विकसित भारत 2047 की दिशा

वैष्णव ने कहा, "ग्यारह साल पहले, कोई भी यह सोच नहीं सकता था कि भारत इलेक्ट्रॉनिक्स का निर्यात करेगा।"


उन्होंने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से कर्नाटक समेत पूरे देश को विकसित भारत 2047 की मजबूत नींव रखने में मदद मिली है।


‘विकसित भारत 2047’ भारत सरकार का एक दृष्टिकोण है, जिसका लक्ष्य 2047 में स्वतंत्रता की शताब्दी तक देश को विकसित बनाना है।


वैष्णव ने कहा, "अगर भारत दुनिया में मोबाइल फ़ोन का दूसरा सबसे बड़ा निर्माता बन गया है, तो बेंगलुरु का देवनहल्ली एक प्रमुख आईफ़ोन निर्माण केंद्र के रूप में उभर रहा है।"