कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की केरलवासियों पर टिप्पणी से राजनीतिक विवाद

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की केरलवासियों पर की गई टिप्पणी ने राजनीतिक विवाद को जन्म दिया है। इस टिप्पणी के बाद भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी, इसे केरल विरोधी करार दिया। शिवकुमार ने कहा कि उन्हें केरलवासियों की आवश्यकता नहीं है, जिससे भाजपा ने सवाल उठाए कि क्या कांग्रेस का नेतृत्व इस पर सहमत है। इस विवाद में पिनारयी विजयन की आलोचना और कांग्रेस की स्थिति पर भी चर्चा हुई है। जानें इस मुद्दे की पूरी जानकारी।
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कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री की केरलवासियों पर टिप्पणी से राजनीतिक विवाद

बेंगलुरु में विवादास्पद टिप्पणी

कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार ने बेंगलुरु में कोगिलू विध्वंस अभियान से जुड़े सवालों का जवाब देते हुए केरलवासियों के बारे में एक विवादास्पद टिप्पणी की, जिससे राजनीतिक हलचल मच गई। यह विवाद तब शुरू हुआ जब एक पत्रकार ने शिवकुमार से केरल के मुख्यमंत्री पिनारयी विजयन की विध्वंस की आलोचना के बारे में पूछा। विजयन ने इस कार्रवाई को अल्पसंख्यक-विरोधी राजनीति करार दिया और इसे बुलडोजर राज से जोड़ा, यह आरोप लगाते हुए कि मुस्लिम समुदाय को निशाना बनाया जा रहा है।


शिवकुमार की प्रतिक्रिया और भाजपा की प्रतिक्रिया

जब शिवकुमार से केरल की भूमिका पर सवाल किया गया, तो उन्होंने कहा कि हमें केरलवासियों की आवश्यकता नहीं है और हमारे मुख्यमंत्री वहां हैं, उन्हें अपना कार्य करने दें। इस पर भाजपा ने तीखी प्रतिक्रिया दी और इसे केरल विरोधी बयान बताया। भाजपा के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने सवाल उठाया कि क्या कांग्रेस का नेतृत्व इस टिप्पणी से सहमत है। उन्होंने कहा कि यह बयान केरल का अपमान है और पूछा कि क्या प्रियंका गांधी वाड्रा इस पर सहमत हैं।


भाजपा का आरोप और कांग्रेस की स्थिति

पूनावाला ने कहा कि वामपंथी और कांग्रेस के बीच की लड़ाई अब इस स्तर तक पहुंच गई है कि शिवकुमार खुलेआम केरल विरोधी बयान दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस की मानसिकता 'टुकड़े-टुकड़े' वाली है और यह पार्टी कर्नाटक में बुलडोजर का उपयोग कर रही है, जबकि उत्तर प्रदेश में इसका विरोध करती है। इसके अलावा, उन्होंने कांग्रेस पर विदेशियों पर भरोसा करने का आरोप लगाया, यह कहते हुए कि आईएनसी का मतलब अब 'इस्लामाबाद नेशनल कांग्रेस' है।