कर्नाटक उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ एक्स की अपील, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर चिंता
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स ने कर्नाटक उच्च न्यायालय के हालिया आदेश के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है, जिसमें सरकारी निष्कासन नोटिसों का पालन करने का निर्देश दिया गया था। कंपनी ने इस आदेश को चिंताजनक बताते हुए कहा कि यह पुलिस अधिकारियों को मनमाने तरीके से निष्कासन आदेश जारी करने की अनुमति देगा। अदालत ने पहले एक्स की याचिकाओं को खारिज करते हुए कहा था कि सोशल मीडिया का नियमन आवश्यक है। इस लेख में एक्स की प्रतिक्रिया और अदालत के निर्णय के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई है।
Sep 29, 2025, 12:30 IST
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कर्नाटक उच्च न्यायालय का आदेश और एक्स की प्रतिक्रिया
सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स ने हाल ही में कर्नाटक उच्च न्यायालय के उस आदेश के खिलाफ अपील करने का निर्णय लिया है, जिसमें सरकारी निष्कासन नोटिसों का पालन करने का निर्देश दिया गया था। कंपनी ने इस आदेश को चिंताजनक बताते हुए कहा कि इससे पुलिस अधिकारियों को मनमाने तरीके से निष्कासन आदेश जारी करने की अनुमति मिलेगी। एक्स ने अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि हम इस आदेश के खिलाफ अपील करेंगे ताकि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की रक्षा की जा सके।
कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्णय
कर्नाटक उच्च न्यायालय ने पहले एक्स द्वारा दायर याचिकाओं को खारिज कर दिया था, जिसमें केंद्र सरकार के निर्देशों को चुनौती दी गई थी, जो कुछ अकाउंट और पोस्ट को ब्लॉक करने के लिए थे। अदालत ने कहा कि सोशल मीडिया का नियमन आवश्यक है और यह स्पष्ट किया कि माइक्रोब्लॉगिंग प्लेटफार्मों को भारत में बिना निगरानी के काम करने की अनुमति नहीं दी जा सकती। अदालत ने यह भी कहा कि हर कंपनी को जो भारत में काम करना चाहती है, उसे यह जानना आवश्यक है।
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और विदेशी संस्थाएं
पीठ ने यह स्पष्ट किया कि एक्स को भारतीय कानूनों का पालन करना होगा और अनुच्छेद 19 के तहत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का संवैधानिक संरक्षण केवल भारतीय नागरिकों को ही प्राप्त है, विदेशी संस्थाओं को नहीं। अदालत ने कहा कि अनुच्छेद 19 केवल नागरिकों के अधिकारों का चार्टर है और विदेशी संस्थाएं इसका लाभ नहीं उठा सकतीं। इसके अलावा, पीठ ने अमेरिकी न्यायशास्त्र को भारतीय न्यायिक प्रक्रिया में लागू करने की आवश्यकता पर भी सवाल उठाया और इस प्लेटफ़ॉर्म की आलोचना की कि उसने अमेरिकी कानूनों का पालन करते हुए भारत के निष्कासन आदेशों का पालन करने से इनकार कर दिया।