कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा आदेश: सीबीआई को मिलेगी वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच सामग्री

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच में सीबीआई को महत्वपूर्ण दस्तावेजों की प्रमाणित प्रतियां उपलब्ध कराने का आदेश दिया है। यह आदेश एक रिट याचिका के तहत दिया गया है, जिसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के कल्याण निधि के गबन की जांच की मांग की गई थी। चार भाजपा नेताओं द्वारा दायर की गई इस याचिका में आरोप लगाया गया है कि एसआईटी प्रभावशाली आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है। सीबीआई की रिपोर्ट में 89.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी का खुलासा हुआ है, जो कई बैंक खातों के माध्यम से की गई थी।
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कर्नाटक उच्च न्यायालय का बड़ा आदेश: सीबीआई को मिलेगी वाल्मीकि निगम घोटाले की जांच सामग्री

कर्नाटक उच्च न्यायालय का निर्देश

कर्नाटक उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार द्वारा गठित विशेष जांच दल (एसआईटी), प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और फोरेंसिक प्रयोगशालाओं को आदेश दिया है कि वे करोड़ों रुपये के वाल्मीकि निगम घोटाले से संबंधित सभी दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों की प्रमाणित प्रतियां केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को सौंपें।


यह आदेश न्यायमूर्ति एम. नागप्रसन्ना ने मंगलवार को सीबीआई द्वारा दायर एक आवेदन पर सुनवाई के दौरान जारी किया। यह आदेश एक व्यापक रिट याचिका का हिस्सा है, जिसमें अनुसूचित जनजाति समुदाय के कल्याण निधि के कथित गबन की जांच की मांग की गई है।


यह याचिका चार भाजपा नेताओं - विधायक बी पाटिल यतनाल, रमेश जारकीहोली, अरविंद लिम्बावल्ली और कुमार बंगारप्पा - द्वारा दायर की गई थी, जिन्होंने आरोप लगाया कि एसआईटी मामले में प्रभावशाली आरोपियों को बचाने का प्रयास कर रही है।


सीबीआई की हालिया रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि कर्नाटक महर्षि वाल्मीकि अनुसूचित जनजाति विकास निगम (वाल्मीकि निगम) से लगभग 89.63 करोड़ रुपये की हेराफेरी की गई है, जो लगभग 700 बैंक खातों के माध्यम से स्थानांतरित की गई। यह घोटाला मई 2023 में तब सामने आया जब वाल्मीकि निगम के लेखा अधीक्षक चंद्रशेखरन पी ने अपने घर पर आत्महत्या कर ली।