कराची की निकिता नागदेव की न्याय की अपील: पति पर गंभीर आरोप

कराची की निवासी निकिता नागदेव ने अपने पति विक्रम नागदेव के खिलाफ गंभीर आरोप लगाते हुए न्याय की अपील की है। उन्होंने बताया कि शादी के बाद विक्रम का व्यवहार बदल गया और उन्हें जबरन पाकिस्तान वापस भेज दिया गया। निकिता की शिकायत के बाद मध्यस्थता असफल रही, और मामला अब न्यायिक और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के बीच उलझा हुआ है। जानें इस मामले की पूरी कहानी और निकिता की उम्मीदें।
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कराची की निकिता नागदेव की न्याय की अपील: पति पर गंभीर आरोप

निकिता नागदेव की अपील

कराची निवासी निकिता नागदेव ने अपने पति विक्रम नागदेव के खिलाफ एक सार्वजनिक अपील जारी की है, जो उनके विवाह के चार साल बाद आई है। निकिता का कहना है कि 26 जनवरी 2020 को हिंदू रीति-रिवाजों से शादी के बाद विक्रम उन्हें एक महीने के भीतर भारत ले गए, लेकिन उसके बाद उनका व्यवहार बदल गया। जानकारी के अनुसार, 9 जुलाई 2020 को विक्रम ने निकिता को वीज़ा संबंधी बहाने से अटारी बॉर्डर पर छोड़ दिया और उन्हें जबरन पाकिस्तान वापस भेज दिया। इसके बाद से विक्रम ने उनसे कोई संपर्क नहीं किया।


अपनी भावुक अपील में निकिता ने कहा कि यदि उन्हें न्याय नहीं मिला, तो कई महिलाओं का सिस्टम पर विश्वास टूट सकता है। उन्होंने बताया कि विवाह के तुरंत बाद से ही ससुराल पक्ष का व्यवहार बदल गया था। जब उन्होंने अपने पति के कथित संबंधों की शिकायत की, तो उन्हें नजरअंदाज कर दिया गया। लॉकडाउन के दौरान, पति ने उन्हें दबाव में वापस भेज दिया और उसके बाद से न तो बात की और न ही उन्हें वापस बुलाने की कोशिश की।


निकिता ने 27 जनवरी 2025 को औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसके बाद सिंधी पंच मेडिएशन एंड लीगल काउंसिल सेंटर ने दोनों पक्षों को नोटिस भेजा। हालांकि, मध्यस्थता असफल रही और 30 अप्रैल 2025 की रिपोर्ट में कहा गया कि चूंकि दोनों पक्ष भारतीय नागरिक नहीं हैं, मामला पाकिस्तान के अधिकार क्षेत्र में आता है। विक्रम को पाकिस्तान भेजने की सिफारिश की गई। इसी बीच, इंदौर सोशल पंचायत ने भी मई में यही सुझाव दिया था।


कलक्टर आशिष सिंह के अनुसार, जांच की प्रक्रिया जारी है और रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। निकिता का कहना है कि वे अब भी कानूनी रूप से विवाहित हैं और उनके पति द्वारा दूसरी शादी की तैयारी उनके सम्मान और अधिकारों के खिलाफ है। पूरा मामला न्यायिक और अंतरराष्ट्रीय प्रक्रियाओं के बीच उलझा हुआ है, लेकिन निकिता ने लगातार यह उम्मीद जताई है कि उन्हें न्याय मिलेगा और उनके अधिकार सुरक्षित रहेंगे।